अमृतसर की सड़काें पर उतरे नवजोत सिंह सिद्धू, समर्थन में उमड़े लोग, कृषि विधेयकों का विरोध

कांग्रेस नेता और पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू लंबे अरसे बाद आज राजन‍ीतिक रूप से सक्रिय हुए और सार्वजनिक रूप से नजर आए। सिद्धू आज संसद में कृषि सुधार विधेयकों को पारित करने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में सड़कों पर उतरे। इसमें काफी संख्‍या में लोग शामिल हुए। प्रदर्शन में सिद्धू टैक्‍टर पर सवार होकर शामिल हुए। उनके समर्थक भी ट्रैक्‍टरों पर सवार थे। सिद्धू ने कहा कि ये कृषि विधेयक किसानों पर वज्रपात की तरह हैं। इस दौरान सिद्धू और प्रदर्शन में शामिल लोगों ने शारीरिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया और मास्‍क नहीं पहना। सिद्धू भी बिना मास्‍क के थे।

 सिद्धू और प्रदर्शनकारियों ने नहीं पहले मास्‍क और शारी‍रिक दूरी के नियमों का किया उल्‍लंघन

नवजोत सिंह सिद्धू ने दो दिन पहले ही प्रदर्शन करने और धरना देने की घोषणा की थी। प्रदर्शन में काफी संख्‍या में लोग उमड़े और इस कारण सोशल डिसटेंसिंग की धज्जियां उड़ गई।  बता दें कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ङ्क्षसह के साथ हुए विवाद के बाद से राजनीतिक तौर पर वह एकांतवास में चले गए थे। सिद्धू ने इस दौरान उन्‍होंने प्रदर्शनकारियों को संबोधित भी किया। सिद्धू ने तीन कृषि विधेयकों का विरोध किया। सिद्धू के साथ उनके अपने विधानसभा हलके अमृतसर पूर्वी के पार्षदों भी थे। सिद्धू का रोष मार्च भंडारी पुल से हालगेट तक हो रहा है।

सिद्धू के आने से पहले ही कार्यकर्ताओं का जमावड़ा भंडारी पुल पर लग चुका था। प्रदर्शन के दौरान बरारी पुल पर शारीरिक  दूरी के नियम की धज्जियां उड़ी हैं और कार्यकर्ताओं ने मास्क तक नहीं पहना। नवजोत सिंह सिद्धू ने भंडारी पुल पर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वह ट्रैक्टर ट्राली पर सवार होकर रैली निकाल रहे हैं।

कहा- कृषि विधेयकों से केंद्र सरकार ने किसानों पर किया वज्रपात

कोरोना काल में सिद्धू जी यह रैली विवादों में घिर गई है। सिद्धू ने स्वयं भी मास्क नहीं पहना है और शारीरिक दूरी के नियम का पालन भी नहीं कर रहे। नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि केंद्र सरकार ने  किसानों पर वज्रपात किया है।  कृषि विधेयक किसानों पर अत्याचार है। मैं किसानों के साथ हूं।

21 जुलाई, 2019 से गायब सिद्धू यूं तो बीच-बीच में लोगों को दिखाई देते रहे, लेकिन उन्होंने हलके से दूरी बनाए रखी। धरने की रणनीति के लिए मंगलवार को होली सिटी स्थित उनकी कोठी में मीटिंग भी हुई थी। इस दौरान मीडिया को इससे दूर रखा गया।

सिद्धू की टीम में जोड़ा फाटक रेल हादसे का आरोपित मिट्ठू मदान भी

सिद्धू ने मार्च और धरने की व्यवस्था के लिए एक टीम बनाई गई। इसमें सौरभ मिट्ठू मदान भी है। मिट्ठू मदान वही शख्स है, जिसने अक्टूबर 2018 में जोड़ा फाटक के पास दशहरा पर्व पर कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस रात ट्रेन से कुचल कर 63 लोगों की जान चली गई थी। आयोजन में लापरवाही के लिए मिट्ठू मदान के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।

 

 

 

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