नौकरी दिए जाने की मांग को लेकर कई छात्र मुंबई के माटुंगा और छत्रपति शिवाजी टर्मिनल रेलवे स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि रेलवे उन्हें रोजगार दे। इस प्रदर्शन का प्रभाव माटुंगा से दादर जाने वाली रेल सेवाओं पर पड़ा है। इसकी वजह से दफ्तर जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि मौके पर पुलिस पहुंच गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जब पुलिस कर्मियों ने छात्रों की भीड़ को रोकने की कोशिश की तो उन्होंने उनपर पत्थर फेंके। इन छात्रों का दावा है कि उन्होंने रेलवे भर्ती परीक्षा पास किया है। इसलिए उन्हें नौकरी मिलनी चाहिए। बता दें कि मुंबई की लोकल ट्रेन छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से कारजात और खापौली जाती है। इसके जरिए रोजाना 40 से 42 लाख लोग सफर करते हैं।
बताया जा रहा है कि ये अप्रेंटिस स्टूडेंट सालों तक काम कर चुके हैं लेकिन इन्हें नौकरी नहीं मिल पा रही है। प्रदर्शन की वजह से रेलवे की सेवाएं लगातार बाधित हैं और अभी तक 30 ट्रेनों को रद्द किया गया है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि 20 फीसदी कोटा को हटा दिया जाए और उन्हें स्थायी नौकरी दी जाए। पुलिस छात्रों को हटाने की कोशिश कर रही है। यात्रियों के लिए बेस्ट की बसें चलाई जी रही हैं।
इस मामले पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के संदीप देशपांडे का कहना है कि जब तक पीयूष गोयल लिखित में आश्वासन नहीं देते हैं, तब तक वहां से कोई छात्र नहीं हटेगा। प्रदर्शन के बीच चीफ पीआरओ सेंट्रल रेलवे ने कहा है कि प्रदर्शन के बीच माटुंगा-दादर ट्रैक पर मुश्किलें आ रही हैं, जिसे रेलवे पुलिस हैंडल कर रही है।