New Delhi: पाक सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 5-0 के फैसले से पाक पीएम के खिलाफ दिया आदेश, पद के लिए अयोग्य करार दिया। शुक्रवार को अपने ऐतिहासिक फैसले में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अवैध रूप से संपत्तियां जुटाने और अवैध रूप से धन जमा करने का दोषी करार दिया और इसी के साथ ही ऐतिहासिक फैसला देते हुए उन्हें पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया।
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सर्वोच्च न्यायालय ने 5-0 की सर्वसम्मति से फैसले को जारी किया और संबंधित अधिकारियों को तत्काल प्रधानमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज करने और जवाबदेही के लिए अदालत में पेश होने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति असीफ सईद खोसा की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने मामले की सुनवाई की थी।
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पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार किसी पीएम को अयोग्य करार दिया गया और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई का भी आदेश दिया गया ।
पाक के इतिहास में जिन 5 जजों ने यह फैसला दिया, जानते हैं उनके बारे में ।
मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा
2010 में सुप्रीम कोर्ट में उच्च न्यायाधीश बने, न्यायमूर्ति खोसा ने पनामा लीक मामले के बनी बेंच का नेतृत्व किया। उन्होंने 18 से अधिक वर्षों में 50,000 मामलों में फैसला सुनाया है । न्यायमूर्ति खोसा दो न्यायाधीशों में से एक थे जिन्होंने 20 अप्रैल को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ कार्रवाई करने की शुरूआत की थी ।
जस्टिस एजाज अफजल खान
जस्टिस एजाज अफजल खान ने 1977 में खैबर लॉ कॉलेज में ग्रेजुएशन किया, अफजल खान 1991 में सुप्रीम कोर्ट में वकील बने । जज के रूप में उन्होंने पेशावर हाईकोर्ट में 9 सालों तक काम किया और 2009 में मुख्य न्यायाधीश बने और सुप्रीम कोर्ट में 2011 में जज बने
जज एजाज अफजल ने 540 पेजों में पनामा पत्रों के फैसले को लेकर लिखा ।
जस्टिस गुलजार अहमद
जस्टिस गुलजार अहमद ने हाईकोर्ट और फिर सु्प्रीम कोर्ट में वकील बनकर अपनी सेवाएं दी । 2002 में सिंध हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का सचिव चुने गए
2011 में सिंध हाईकोर्ट के जज बने और फिर प्रमोशन के बाद नंवबर 2011 में ही सुप्रीम कोर्ट में जज बने ।
जस्टिस इजाज-उल-एहसान
जस्टिस इजाज-उल-एहसान ने पंजाब यूनिवर्सिटी के लॉ कॉलेज से LLB की । उसके बाद न्यूयॉर्क की कार्नेल यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन किया । उन्होंने 2009 में अपनी प्रक्टिस शुरू की और 2011 में लाहौर हाईकोर्ट में जज बने । 2015 में जज एहसान ने कसूर, गुर्जरवाला और लाहौर जिले के निरीक्षण न्यायाधीश के रूप में काम किया, 2015 में उन्हें लाहौर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था और जून 2016 में उन्हें प्रमोशन देकर सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया ।
जस्टिस शेख अजमत सईद
जस्टिस सईद 1980 में लाहौर हाईकोर्ट में वकील बने और उसी साल पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट में प्रमोट होकर नियुक्त किए गए । 1997 में जस्टिस सईद ने एहतिसाब ब्यूरो के विशेष वकील के रूप में भी अपनी सेवाएं दी साथ ही उन्होंने कई हाई प्रोफाइल मामलों में लीगल टीम के सदस्यों के रूप में भी काम किया । 2012 में जस्टिस सईद में सुप्रीम कोर्ट में जज बने।