सिराजगंज बांग्लादेश, पूर्वी देलुआ गाँव की घटना है ये
एक माँ जिसकी 14 साल की बेटी पूर्णिमा का 11-11 दरिंदे जिनकी उम्र 24-55 साल तक की है बलात्कार कर रहे थे, बंधी हुई माँ ने उनसे कहा
“अब्दुल अली, कम से कम इतना तो रहम करो, 1-1 कर उसका बलात्कार करो वो 14 साल की है मर जायेगी”
वो माँ 2 घंटे तक चिल्लाती रही
“अब्दुल अली, अब्दुल अली, अली रहम करो 1-1 कर बलात्कार करो”
बांग्लादेश के सिराजगंज में अनिल चंद्र, उनकी पत्नी और 14 साल की बेटी पूर्णिमा रहते थे अनिल चंद्र एक हिन्दू थे तथा इनके पास जमीन थी ये बात मुस्लिमो को पसंद ना आई की एक काफिर कैसे अमीर है, ये सभी मुस्लिम खालिद जिया जो बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री है उसके पार्टी के लोग थे
8 अक्टूबर के दिन, अब्दुल अली, अल्ताफ हुसैन, हुसैन अली, अब्दुर रउफ, यासीन अली, लिटन शेख और 5 अन्य मुस्लिमो ने अनिल चंद्र के घर पर धावा बोल दिया, अनिल चंद्र औए उनकी पत्नी को डंडो से मारकर बाँध दिया, उसके बाद दरिंदो की नजर 14 साल की पूर्णिमा पर पड़ी, 11-11 दरिंदे एक साथ पूर्णिमा पर टूट पड़े, देखते ही देखते उसके सारे कपडे फाड़ दिए और उसके गुप्तांगो को चोट पहुचाने लगे
सभी दरिंदे हँसते हुए, अनिल चंद्र और उनकी पत्नी को गालिया देने लगे और काफिर कहकर अपमानित करने लगे घंटो तक ये चलने लगा, इसी बीच दुखी माँ ने दरिंदो से ये रहम मांगी की एक-एक कर बलात्कार करो वो मर जायेगी 14 साल की है