संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र की ओर से गुडविल एंबेसडर बनाई गई इराक की नादिया मुराद ने IS को लेकर कई खुलासे किए। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के पीडि़तों को इंसाफ दिलाने की मांग की है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से वर्ष 2014 में यजीदी लोगों पर किए गए हमले को जनसंहार करार देने की मांग की है।
नादिया को आईएस ने किया था अगवा
नादिया मुराद को इराक के उत्तरी शहर सिंजर के पास स्थित उनके गांव कोचो से अगस्त 2014 में आईएस आतंकियों द्वारा अगवा कर लिया गया था | इसके बाद वह उसे मोसुल शहर ले आए थे, जहां उसको लगातार तीन माह तक कई आतंकियों ने बारी-बारी से बलात्कार किया। कई बार एक दिन में ही 300 लोगों ने मेरा रेप किया।
कई बार खरीदा और बेचा गया
यूएन में नादिया ने अपने ऊपर हुए जुल्म को बयां करते हुए बताया था कि उसको इस दौरान कई बार खरीदा और बेचा गया। लेकिन कुछ माह बाद वह आईएस के चंगुल से निकलने में कामयाब रही और जर्मनी पहुंच गई।
जैसे चाहते वैसा मेरा इस्तेमाल करते
नादिया ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित एक समारोह में कहा कि वे जिस तरह चाहते थे, उस तरह से मेरा इस्तेमाल करते थे। मैं अकेली नहीं थी।’ उन्होंने कहा कि वह वह शायद सौभाग्यशाली थी जो समय बीतने के साथ वहां से भाग निकलने का रास्ता निकाल पाई। लेकिन आईएस के चंगुल में मौजूद हजारों दूसरी महिलाएं और युवतियां ऐसा नहीं कर पाईं। वो अब भी बंधक हैं।
आईएस के कब्जे में 3200 लड़कियां
कांपती आवाज में नादिया ने उन लगभग 3200 यजीदी महिलाओं और लड़कियों की रिहाई का आह्वान किया, जो अब भी आईएस के आतंकियों की यौन दासियों के रूप में कैद हैं। नादिया ने यह भी आह्वान किया कि उन्हें बंदी बनाने वाले आतंकियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।