रिश्वत की तरह सेक्स की मांग करना भी नए कानून के तहत भ्रष्टाचार माना जाएगा और संसदीय समिति के नए प्रस्तावित कानून के तहत ऐसी मांग रखने वाले व्यक्तियों को सजा भी दी जा सकती है।
राज्यसभा की चयन समिति ने नए भ्रष्टाचार निरोधी विधेयक पर अपनी रिपोर्ट में विधि आयोग की इस रिपोर्ट का समर्थन किया है और प्रस्तावित कानून के हालिया प्रावधान में ‘अनुचित लाभ’ को भी शामिल करने की सिफारिश की है।
रिश्वत देने वालों के लिए भी सजा का प्रावधान
संसदीय समिति ने पहले प्रस्तावित भ्रष्टाचार निरोधी कानून के दायरे में कॉरपोरेट तथा उनके अधिकारियों को शामिल करते हुए निजी क्षेत्र में रिश्वतखोरी को भी अपराध की श्रेणी में लाने की सिफारिश की है और उनके लिए जुर्माने के साथ-साथ सात साल तक की कैद की अनुशंसा की है। इसके अलावा रिश्वत देने वालों के लिए भी सजा का प्रावधान रखा गया है।
इस नए विधेयक में रिश्वतखोरी संबंधी अपराध के लिए‘आर्थिक या अन्य लाभ’ को नए सिरे से परिभाषित किया गया है। पिछले साल नवंबर में कुछ आधिकारिक संशोधनों में रिश्वतखोरी को ‘आर्थिक या अन्य लाभ’ की जगह ‘अनुचित लाभ’ के रूप में परिभाषित किया था जिसमें ‘वैधानिक पारिश्रमिक से इतर किसी तरह की बख्शीश या खुशनामा को दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखा गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि समिति का मानना है कि विधि आयोग ने अपनी 254वीं रिपोर्ट (फरवरी 2015) में भ्रष्टाचार निरोधक कानून में ‘अनुचित लाभ’ की परिभाषा इस्तेमाल करने के लिए सुझाया है। लेकिन समिति भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 के उपनियम के तहत अनुच्छेद 2 में प्रस्तावित उक्त संशोधन की सिफारिश की है।
विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ‘आर्थिक या अन्य लाभ’ की परिभाषा प्रस्तावित बदलाव से संकीर्ण थी जिसमें ‘वैधानिक पारिश्रमिक से इतर किसी तरह की बख्शीश या खुशीनामा’ को शामिल किया गया है। मसलन, इसमें सरकारी काम करने के बदले बतौर बख्शीश सेक्स की मांग पूरी करना भी स्पष्ट रूप से शामिल है।
चयन समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, काम के बदले औपचारिक आतिथ्य के तहत एक निश्चित राशि तक का परंपरागत तोहफा, स्मृति चिह्न या सोविनियर और बैठक या आधिकारिक दौरे के दौरान शिष्टाचार लंच या डिनर को ‘अनुचित लाभ’ के दायरे में नहीं रखा जा सकता है।
समिति को यह भी आशंका है कि भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर जांच एजेंसियां सरकारी कर्मचारियों और सिविल सोसायटी के सदस्यों को प्रताड़ित करने के लिए प्रस्तावित उपनियम का दुरुपयोग कर सकती हैं और इसलिए इस संबंध में पर्याप्त सावधानियां बरतने की जरूरत है।
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