हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बन गए हैं. देश के पूर्वी राज्य झारखंड में गैर बीजेपी सरकार की वापसी ने विपक्ष को खुशनुमा अहसास दे दिया है. कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए ये खबर तो जोश भरने वाली है ही, मोदी सरकार से दो-दो हाथ कर रहे ममता, स्टालिन, तेजस्वी जैसे विपक्षी नेताओं के लिए भी ये घटनाक्रम मजबूती देने वाला रहा है.
हेमंत के शपथ ग्रहण के बहाने विपक्ष ने एक बार फिर से अपनी मुट्ठी मजबूत की है और नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष जारी रखने का ऐलान किया है.
रविवार को प्रचंड सर्दी के बीच रांची के मोरहाबादी मैदान में राजनीतिक सरगर्मी तेज रही. हेमंत सोरेन ने अपने तीन मंत्रियों के साथ पद और गोपनीयता की शपथ ली. सीएम हेमंत के साथ कांग्रेस के विधायक रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम और कांग्रेस विधायक सत्यानंद भोक्ता ने शपथ ली.
महाराष्ट्र के बाद लगातार दूसरी बार सरकार में शामिल हो रही कांग्रेस ने इस मौके को शक्ति प्रदर्शन का इवेंट बना दिया. पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तो इस कार्यक्रम में पहुंचे ही, राज्यस्थान के सीएम अशोक गहलोत और झारखंड के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल भी इस कार्यक्रम में पहुचे. इसके अलावा आरपीएन सिंह, सुबोधकांत सहाय समेत कई नेता भी शपथग्रहण में मौजूद रहे. कांग्रेस ने शपथ ग्रहण में विपक्षी नेताओं का मजमा लगाकर बीजेपी को अपने बढ़ती ताकत और बढ़ती स्वीकार्यता का संदेश दे दिया है.