महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अहमदाबाद से मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन चलाने के सपने को झटका दिया है। सामना में दिए साक्षात्कार में ठाकरे ने कहा कि बुलेट ट्रेन हमारा नहीं किसी और का सपना है। बुलेट ट्रेन में राज्य सरकार का 25 फीसदी हिस्सा जबकि केंद्र का 75 प्रतिशत हिस्सा है। सामना में उनका कहना है कि विकास का रोडमैप तैयार है। अब एक भी उद्योग बाहर नहीं जाएगा, रोजगार के मौके बढ़ेंगे।
आपकी सरकार बनने से 5 वर्ष पहले जो सरकार थी, उसने कई ऐसी परियोजनाओं को मंजूरी दी, निर्माण किया, तैयार किए जो बाद में सफेद हाथी के रूप में सामने आए। और आपने उन्हें स्थगित कर दिया। उन्हीं में से एक बुलेट ट्रेन परियोजना है। बुलेट ट्रेन महाराष्ट्र में आएगी या नहीं।
इस सवाल के जवाब में ठाकरे ने कहा, ‘सरकार का काम विकास करना है। ठीक है। हाल ही में मैंने वीडियो कांफ्रेसिंग द्वारा नागपुर मेट्रो के दूसरे चरण का उद्घाटन किया। काम शुरू है, ये बात सही है। कुछ परियोजनाओं को मैंने स्थगित भी किया है। अवश्य किया है।
मुझे हमेशा ऐसा लगता है कि अभी जो पैसों का मुद्दा उठा था, आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए राज्य के विकास की प्राथमिकता तय की जानी चाहिए। अभी के अभी जो प्राथमिक जरुरतें हैं। सिर्फ आपको कोई बिन ब्याजी कहे अथवा कम दर पर कर्ज देता हूं इसलिए अपने पर ले लेना और आवश्यकता न होने के बावजूद किसानों की जमीन को छीनन फिर ये जो सफेद हाथी हैं, इन्हें पालना बिल्कुल उचित नहीं है।’
जब उनसे पूछा गया कि बुलेट ट्रेन क्या तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बुलेट ट्रेन के बारे में भी मुझे ऐसा लगता है। इसके बारे में सबको साथ में बैठकर विचार करना चाहिए। बुलेट ट्रेन का लाभ किसे होगा? इसके कारण यहां कितने उद्योग-धंधों को गति मिलेगी और यदि उपयोगी होगा तो समझाएं। हम जनता के समक्ष जाएंगे फिर देखेंगे क्या करना है।’
जब उद्धव ठाकरे से पूछा गया कि यह प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है तो उन्होंने कहा कि होगा, ठीक है, लेकिन यह ड्रीम प्रोजेक्ट यदि होगा फिर भी जब नींद खुलती है तो वास्तविक स्थिति सामने होती है सपना नहीं होता है। वहीं जब उनसे पूछा गया कि महाराष्ट्र में यदि रोजगार और उद्योग को बढ़ाना होगा तो महाराष्ट्र की डांवांडोल परिस्थिति को सुधारना होगा। इसपर ठाकरे ने कहा कि ठीक है। उसे बेहतर बनाना होगा। उस पर काम चल रहा है।