नई दिल्ली: हर इंसान ने कभी न कभी यह सपना ज़रूर देखा होगा कि वह उड़ रहा है, और कुछ लोगों का सपना हवाई यात्रा के ज़रिये पूरा भी हुआ, लेकिन फिर भी अपनी मर्ज़ी से पूरी आज़ादी के साथ उड़ना कुछ और ही है, जो सिर्फ सपने में ही मुमकिन हो पाता है|
लेकिन अब सिलिकॉन वैली की ‘फ्लाइंग कार’ बनाने में जुटी स्टार्ट-अप कंपनी ‘किटी हॉक’ इस सपने को पूरा करने का दावा कर रही है| बताया जाता है कि ‘किटी हॉक’ को दुनिया के सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले सर्च इंजन गूगल के सह-संस्थापक लैरी पेज का समर्थन हासिल है, और सोमवार को कंपनी ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उसने अपने प्रोटोटाइप (नमूने) को दुनिया के सामने पेश करते हुए जानकारी दी है कि वह इस साल के अंत तक इस ‘व्यक्तिगत फ्लाइंग मशीन’ की डिलीवरी शुरू कर देगी|
‘किटी हॉक’ कंपनी ने अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया के माउंटेन व्यू इलाके में, जहां गूगल का मुख्यालय भी है, स्थित अपने कार्यालय से जारी एक बयान में कहा, “व्यक्तिगत उड़ान को सच्चाई में तब्दील करना ही हमारा मिशन है| हमारा मानना है कि जब प्रत्येक इंसान के पास उड़ने की क्षमता होगी, उनके लिए अवसरों की असीमित दुनिया उपलब्ध हो जाएगी|” कंपनी ने कहा, “आज हम अपने ‘द फ्लायर’ का पहला प्रोटोटाइप पेश कर रहे हैं, यह व्यक्तिगत फ्लाइंग मशीन है, जो 2017 के अंत तक बिक्री के लिए उपलब्ध हो जाएगी|”
इस वीडियो में एक सीट वाले इस ‘विमान’ को दिखाया गया है, जिसमें दो पॉन्टून फिट हैं, और उनके ऊपर मकड़ी के जाल की सूरत में बना एक प्लेटफॉर्म मौजूद है, जिस पर हवाई यात्री सवार रहता है| वीडियो में इस ‘विमान’ को एक अज्ञात इलाके में एक झील के ऊपर उड़ान भरते हुए दिखाया गया है|
आठ रोटरों से संचालित होने वाले इस विमान की एक खासियत यह भी है कि यह रनवे पर दौड़कर नहीं, हेलीकॉप्टर या चॉपर की तरह सीधी उड़ान भर लेता है| बताया गया है कि इसका वज़न 220 पाउंड (100 किलोग्राम) है, और यह सतह से 15 फुट (साढ़े चार मीटर) ऊंचाई पर 25 मील प्रतिघंटा (40 किलोमीटर प्रतिघंटा) की रफ्तार से उड़ सकता है|