सिद्धू के इस काम में फिर पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा अहम भूमिका निभा रही हैं और उनकी पैरोकार बनी हैं। पंजाब में वरिष्ठ नेताओं के इनकार के बाद प्रियंका ने उनके कांग्रेस में आने का रास्ता साफ किया था।
पंजाब कांग्रेस में उपेक्षित महसूस कर रहे और लंबे समय से राजनीतिक बयानबाजी से दूर नवजोत सिंह सिद्धू फिर अपनी उपयोगिता साबित करना चाहते हैं। सिद्धू के इस काम में फिर पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा अहम भूमिका निभा रही हैं और उनकी पैरोकार बनी हैं। पंजाब में वरिष्ठ नेताओं के इनकार के बाद प्रियंका ने उनके कांग्रेस में आने का रास्ता साफ किया था।
सिद्धू को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से समय दिलाने और मिलवाने में भी प्रियंका ही सूत्रधार हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से सीधे टकराव और मंत्री पद छोड़ने के बाद सिद्धू पंजाब कांग्रेस में खुद को साबित करना चाहते हैं। सूत्रों ने बताया कि सिद्धू संगठन के काम में भी भूमिका निभाने को तैयार हैं।
जबकि केंद्रीय नेतृत्व उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी देने को तैयार है। पहले भी कैप्टन से खींचतान के बाद सिद्धू को राष्ट्रीय स्तर पर संगठन में जोड़ने का विकल्प दिया गया था, लेकिन उन्होंने अस्वीकार कर दिया था। उम्मीद है कि राष्ट्रीय स्तर पर होने जा रहे फेरबदल में सिद्धू अहम भूमिका में दिखाई दें।
पाकिस्तान यात्रा और प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर दिए उनके बयानों के बाद न सिर्फ राजनीतिक तौर पर सिद्धू की फजीहत हुई, बल्कि पार्टी में भी कैप्टन से टकराव के चलते वे गुमनामी में चले गए। पार्टी ने उन्हें दिल्ली चुनाव में स्टार प्रचारकों में शामिल किया था, लेकिन वे एक बार भी नहीं आए। पार्टी की अंदरूनी राजनीति में उलझे सिद्धू को अब लगने लगा है कि वे फिर से खुद को साबित करें और पार्टी उनकी उपयोगिता समझे।