पंजाब: पंचायत समिति व जिला परिषद के चुनाव अक्तूबर में करवाने की तैयारी की जा रही है। यह चुनाव 153 पंचायत समिति और 23 जिला परिषद की सीटों पर होना है। 2027 विधानसभा चुनाव से पहले यह अब आखिरी बड़ा चुनाव होगा।
लुधियाना पश्चिम उपचुनाव में जीत के बाद अब प्रदेश के चारों प्रमुख राजनीतिक दलों को अब पंचायत समिति और जिला परिषद की परीक्षा पास करनी होगी।
पंजाब में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल प्रमुख पार्टियां हैं। लुधियाना पश्चिम उपचुनाव में जीत के बाद आप के हौसले बुलंद हैं, जबकि कांग्रेस व शिअद में हार को लेकर मंथन शुरू हो गया है। वहीं, भाजपा ने जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
अक्तूबर में होंगे पंचायत समिति और जिप चुनाव
पंचायत समिति व जिला परिषद के चुनाव अक्तूबर में करवाने की तैयारी की जा रही है। यह चुनाव 153 पंचायत समिति और 23 जिला परिषद की सीटों पर होना है। 2027 विधानसभा चुनाव से पहले यह अब आखिरी बड़ा चुनाव होगा, जिसने अच्छा प्रदर्शन करने का चारों प्रमुख दलों पर बड़ा दबाव है।
आप और कांग्रेस में मुकाबला
इससे पहले वर्ष 2018 में पंचायत समिति व जिला परिषद के चुनाव हुए थे। उस समय कांग्रेस ने चुनाव में क्लीन स्वीप किया था, लेकिन अब कांग्रेस की राह आसान नहीं है, क्योंकि प्रदेश में आप सत्ता पर काबिज है। आप के सामने भी इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने की बड़ी चुनौती है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। आप सिर्फ तीन सीटों पर जीत दर्ज कर पाई थी, जबकि कांग्रेस सात सीटें जीतने में सफल रही थी।
उपचुनाव में आप आगे
इसके बाद पांच सीटों पर हुए विधानसभा के उपचुनाव में चार पर जीत दर्ज करने में आप जरूर सफल रही। पांच नगर निगमों में से आप को सिर्फ एक में स्पष्ट बहुमत मिला, जबकि दो पर पार्टी आगे रही। इसी तरह दो निगमों में कांग्रेस आगे थी। पांचों निगमों में आप ने अपना मेयर जरूर बना लिया था, लेकिन सत्ता में होने के बावजूद पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। अब लुधियाना उपचुनाव में जीत से पार्टी को संजीवनी जरूर मिली है।
कांग्रेस की गुटबाजी ने बढ़ाई चिंता
लुधियाना उपचुनाव में कांग्रेस की स्थिति मजबूत मानी जा रही थी। कांग्रेस ने आप को चुनाव में पूरी टक्कर भी दी, लेकिन गुटबाजी ने चुनाव में कांग्रेस की नाव डूबा दी। पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि हार के बाद पार्टी के अंदर आत्मचिंतन किया जाएगा, क्योंकि हम और बेहतर कर सकते थे। पंजाब कांग्रेस प्रभारी भूपेश बघेल भी जल्द ही बैठक कर सकते हैं, क्योंकि उन्होंने चुनाव से पहले स्पष्ट किया था कि पार्टी के अंदर अनुशासनहीनता और गुटबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इसी तरह शिअद का प्रदर्शन भी अच्छा नहीं रहा। सुखबीर बादल के दोबारा पार्टी की कमान संभालने और 2027 की तैयारी के लिए यह चुनाव अहम था, बावजूद इसके हार के साथ ही खराब प्रदर्शन से शिअद को झटका लगा है। इसी तरह भाजपा चुनाव में हार जरूरी गई है, लेकिन 20 हजार से ऊपर वोट लेकर पार्टी संतुष्ट है। भाजपा का दावा है कि लगातार उनके प्रदर्शन में सुधार हो रहा है और 2027 में विधानसभा चुनाव में पार्टी अच्छा प्रदर्शन करेगी। वहीं, आप ने अब पंचायत समिति के साथ ही 2027 की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी अलग-अलग विंग कोऑर्डिनेटरों की नियुक्ति कर रही है, ताकि जमीनी पर पार्टी की पकड़ और मजबूत की जा सके।