पोंजी स्कीम और चिटफंड चलाकर अवैध ढंग से गरीबों की गाढ़ी कमाई को हजम करने वालों की अब खैर नहीं। सरकार ऐसे लोगों पर नकेल कसने के लिए सख्त कानून लाने जा रही है। इसी दिशा में कदम उठाते हुए केंद्र ने ‘द बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम बिल, 2018’ में आधिकारिक संशोधनों के प्रारूप को अंतिम रूप दे दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। कैबिनेट ने राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की स्थापना को भी मंजूरी दे दी है। यह उच्चाधिकार प्राप्त संस्था होगी और गौसंवर्द्धन के लिए काम करेगी। कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ‘द बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम बिल, 2018’ के कानून का रूप लेने के बाद जो भी जमा योजनाएं इस कानून के तहत पंजीकृत नहीं होंगी, वे अवैध हो जाएंगी।ऐसी कंपनियों के मालिक, एजेंट और ब्रांड एंबेसडर के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।उनकी संपत्ति बेचकर गरीबों की पूंजी वापस कराई जाएगी।
संसदीय समिति ने तीन जनवरी, 2019 को ही रिपोर्ट दी थी। मालूम हो कि वित्त मंत्री के रूप में अरुण जेटली ने आम बजट 2016-17 में अवैध ढंग से जमा कराने की योजनाओं पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय कानून बनाने की घोषणा की थी। हाल के वर्षों में देशभर में कई राज्यों में अवैध ढंग से धनराशि जमा कराने के चिटफंड और पोंजी घोटाले सामने आए हैं।