रेलवे की लग्जरी सैलून कारों के बारे में तो आपने सुना होगा, लेकिन यह कैसा होता है इसके बारे में शायद ही आप जानते हों. दरअसल, रेलवे की लग्जरी सैलून कार का इस्तेमाल अबतक राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रेल के वरिष्ठ अधिकारी ही करते आए हैं. पर अब किराया देकर आप भी इसका लुत्फ उठा सकेंगे. रेल मंत्रालय द्वारा लग्जरी ट्रेंनों का किराया लगभग आधा करने के फैसला के बाद अब आम यात्रियों के लिए लग्जरी सैलून कारों को भी खोल दिया गया है. लेकिन इसके लिए आपको पहले से बुकिंग करनी होगी.सैलून कार में दो बेडरूम, लाउंज, किचन और टॉयलेट बना होता है. बता दें कि सभी रेलवे जोनों में कुल 336 सैलून कारें हैं. इसमें 62 वातानुकूलित हैं. इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ने बर्लिन में चल रहे ITB ट्रैवल ट्रेड शो में भी इसके बारे में बताया, ताकि ज्यादा से ज्यादा टूरिस्ट्स को आकर्षित किया जा सके. रेल अधिकारियों के अनुसार इस आयोजन के बाद बर्लिन स्टॉल पर सैलून कार बुक करने के लिए लोगों ने खूब पूछताछ की और इसे बुक करने की इच्छा जाहिर की.
भारतीय रेल के अनुसार इसे आम लोग बुक कर सकते हैं, लेकिन यह सिर्फ एक रात के लिए होगा. हालांकि सैलून कारों को शुरुआत में पांच दिनों तक रहने के लिए बनाया गया था. लेकिन रेल टूरिज्म को घटते ग्राफ को देखते हुए रेल सैलून कारों को आम आदमी के लिए खोलने का फैसला लिया है.
अंदर से ऐसा होगा रेल सैलून कार
1. रेल सैलून कार बिल्कुल घर जैसा कंफर्ट देगी, जिसमें एक लिविंग रूम होगा, दो बेडरूम और साथ में बाथरूम व किचन होगा.
2. कमरों में रेक बने होते हैं. इसके अलावा कप बोर्ड, टेबल, चेयर और ड्रेसिंग टेबल मौजूद है.
3. इसके लिविंग रूम में सोफा, टीवी, डायनिंग टेबल की व्यवस्था होती है.
4. किचन में आप फ्रेश खाना भी बना सकते हैं. इसमें एक फ्रिज भी रखा होता है. साथ ही आपको यहां RO प्यूरिफायर भी मिलेगा. हालांकि यात्रा के दौरान खाना पकाने के लिए सामग्री की व्यवस्था रेलवे ही करता है, लेकिन उसके लिए आपको अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा.
5. यह रेल सैलून कार लगभग सभी रूटों पर उपलब्ध है. इसे प्रमुख स्टेशनों से बुकिंग के आधार पर एक्सप्रेस ट्रेन से जोड़ा जा सकता है.
6. रेल सैलून कार की बुकिंग आप आईआरसीटीसी से बुक कर सकते हैं.
कितना होगा इसका किराया
जाहिर तौर पर अगर रेलवे आपको इस तरह की सुविधा दे रही है तो इसके लिए आपको ज्यादा शुल्क देना होगा. फर्स्ट एसी कोच के लिए आप जितना किराया देते हैं, उसका 18 गुना ज्यादा किराया रेल सैलून के लिए देना होगा.