अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एयरफोर्स वन विमान से दूसरे देशों की यात्रा करते हैं। इस विमान को एक अभेद किला कहा जाता है। अब भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी इसी तरह से अभेद किले जैसे वाले विमान एयर इंडिया वन में उड़ान भरेंगे।
इस विमान की एक सबसे बड़ी खासियत ये है कि इस पर मिसाइल हमले का भी असर नहीं होता। इस विमान में हवा में ही ईंधन भरने की क्षमता होगी। साथ ही यह विमान एक बार में तेल भरने के बाद अमेरिका तक उड़ान भर सकेगा। इस विमान में ऑफिस और एक मीटिंग रूम भी होगा। इसमें मिरर बॉल सिस्टम भी इस्तेमाल किया गया है। इसमें सबसे आधुनिक और सिक्योर सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम भी लगा है। अभी तक पीएम एयर इंडिया-वन कॉल साइन से बोइंग-747 इस्तेमाल करते रहे हैं।
वर्तमान सुविधा
वर्तमान में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति एअर इंडिया के बोइंग- 747 विमान से यात्रा करते हैं जिन्हें एयर इंडिया वन कहा जाता है। वीवीआईपी के लिए इन बी-747 विमानों को एयर इंडिया के पायलट उड़ाते हैं और एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड इनकी देखभाल करता है। नए विमानों का इस्तेमाल केवल वीवीआईपी की यात्रा के लिए होगा। बी-777 विमानों में अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली होगी जिसे लार्ज एयरक्राफ्ट इंफ्रारेड काउंटरमेजर्स और सेल्फ प्रोटेक्शन सुईट कहा जाता है। अमेरिका दोनों रक्षा प्रणालियों को फरवरी में 19 करोड़ डॉलर में बेचने पर सहमत हुआ था।
अंतरराष्ट्रीय राजकीय दौरे पर उपयोग किए जाने वाले बोइंग 747-400 के अलावा, भारतीय वायुसेना के पास वर्तमान में चार 14-सीटर एम्ब्रेयर 135, चार 20-सीटर एम्ब्रेयर 145 और तीन अनुकूलित 46-सीटर बोइंग बिजनेस जेट्स (बीबीजे) मौजूद है, जिनके पास एक वीआईपी केबिन है और इसका उपयोग वीआईपी आवाजाही के लिए किया जाता है।
इनमें से बोइंग 747 का उपयोग या तो प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या भारत के उपराष्ट्रपति द्वारा तब किया जाता है जब आधिकारिक विदेशी दौरे होते हैं। राष्ट्रपति को VIP 1, उपराष्ट्रपति को VIP 2 और प्रधानमंत्री को VIP-3 नाम दिया गया है। प्रत्येक एम्ब्रेयर 135 मिसाइल-डिफ्लेक्टिंग सिस्टम, आधुनिक उड़ान प्रबंधन प्रणाली सहित वैश्विक पोजिशनिंग सिस्टम, साथ ही श्रेणी 2 लैंडिंग सिस्टम से लैस है।
एयरफोर्स वन की रफ्तार 1000 किलोमीटर प्रति घंटे, एयर इंडिया वन की रफ्तार 900 किमी प्रति घंटे
अमेरिकी राष्ट्रपति का विमान एयरफोर्स वन 35,000 फीट की ऊंचाई पर 1,013 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। एक बार में यह विमान 6,800 मील की दूरी तय कर सकता है। विमान अधिकतम 45,100 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। इस विमान के उड़ान के दौरान प्रतिघंटा 1,81,000 डॉलर (करीब 1 करोड़ 30 लाख रुपये) की लागत आती है। वहीं पीएम मोदी का नया विमान करीब 900 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकेगा।
हर तरह से रखा गया है ख्याल
एयर इंडिया वन विमान में तीन तरह के रंगों का इस्तेमाल किया गया है। इनमें से दो रंग अमेरिकी राष्ट्रपति के एयरफोर्स वन से मिलते-जुलते हैं। सूत्रों का कहना है कि बोइंग-777 में जो रंग इस्तेमाल किया गया है। इनमें सफेद, हल्का नीला और नारंगी रंग है। हल्का नीला और सफेद रंगं का इस्तेमाल अधिक किया गया है जबकि नारंगी रंग की हवाई जहाज के बीच में लाइन दी गई है। इन तीन रंगों की वजह से ये एयर इंडिया वन विमान देखने में अलग ही नजर आता है।
कीमत और ताकत
जो दो विमान भारत को मिलने वाले हैं उनकी कीमत करीब 8458 करोड़ रुपये है। इस दो नए सुपर वीआईपी प्लेन को आने वाले समय में एयर इंडिया नहीं बल्कि एयरफोर्स ऑपरेट करेगी। सूत्रों का कहना है कि इसका कॉल साइन एयरफोर्स-वन रखा जा सकता है।इस जहाज के अगले हिस्से में जैमर लगा है जो दुश्मन के रेडार सिग्नल को जाम कर देता है।
इस पर मिसाइल हमले का भी असर नहीं होता। इसके अलावा इस विमान में हवा में ही ईंधन भरने की क्षमता है। साथ ही यह विमान एक बार में भारत से अमेरिका तक की दूरी के बीच उड़ान भर सकेगा। इस विमान में ऑफिस और एक मीटिंग रूम भी होगा। इसमें मिरर बॉल सिस्टम भी इस्तेमाल किया गया है। यह आधुनिक इंफ्रारेड सिग्नल से चलने वालीं मिसाइलों को भी भ्रमित कर सकता है।
अन्य खासियत
इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयर जैमर:– दुश्मन के जीपीएस और ड्रोन सिग्नल को ब्लॉक करने का काम करता है।
डायरेक्शनल इंफ्रारेड काउंटरमेजर सिस्टम:- यह मिसाइल रोधी प्रणाली है, जो विमान को इन्फ्रारेड मिसाइल से बचाती है।
चाफ एंड फ्लेयर्स सिस्टम:- रडार ट्रैकिंग मिसाइल से खतरा होने पर बादलुनमा चाफ छोड़े जाते हैं, जिससे आगे छिपकर विमान निकल जाता है।
मिरर बॉल सिस्टम:- डैनों में लगी यह तकनीक विमान को इंफ्रारेड मिसाइल से बचाती है।
हवा में ईंधन भरने की सुविधा:- इस विमान में हवा में ईंधन भरने की सुविधा है। एक बार ईंधन भरने पर यह विमान लगातार 17 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
सुरक्षित सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम:- विमान चाफ एंड फ्लेयर्स सिस्टम से लैस है। इससे रोशनीनुमा फ्लेयर्स मिसाइल को भ्रमित करने के लिए छोड़े जाते हैं। इनका तापमान जेट इंजन के नोजल या एक्जॉस्ट से ज्यादा 2,000 डिग्री फॉरेनहाइट होता है। इसमें सबसे आधुनिक और सिक्योर सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम भी लगा है।