इस विश्व कप की पहली हैट्रिक लगाने वाले मोहम्मद शमी की अगुवाई में अपने गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन से भारत ने अफगानिस्तान को 11 रन से हराकर सेमीफाइनल की ओर कदम रख दिये लेकिन रसूखदार प्रतिद्वंद्वी के सामने जबर्दस्त जुझारूपन दिखाने वाली अफगान टीम ने हारकर भी अपने प्रदर्शन से दिल जीत लिया। अफगानिस्तान ने पहले बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए सितारा बल्लेबाजों से सजी दो बार की चैम्पियन भारतीय टीम को आठ विकेट पर 224 रन पर रोक दिया। इसके बाद इस विश्व कप का सबसे बड़ा उलटफेर करने की ओर बढ रही थी कि शमी और जसप्रीत बुमराह ने उसका यह सपना तोड़ डाला। आखरी गेंद बाकी रहते भारत ने अफगानिस्तान को 213 रन पर रोक दिया। पहले गेंदबाजी में 33 रन देकर दो विकेट लेने वाले मोहम्मद नबी ने 55 गेंद में 52 रन बनाये।
अफगानिस्तान को आखिरी दो ओवर में 21 रन चाहिये थे और नबी क्रीज पर थे। बुमराह ने 49वें ओवर में सिर्फ पांच रन दिये। इसके बाद शमी के आखिरी ओवर की पहली गेंद पर नबी ने चौका जड़ डाला। अगली गेंद पर कोई रन नहीं लिया और तीसरी गेंद पर हार्दिक पंड्या को कैच दे बैठे। आफताब आलम (0) और मुजीब उर रहमान (0) को आउट करके शमी ने अपनी हैट्रिक और भारत की विश्व कप में 50वीं जीत पूरी की। शमी विश्व कप में हैट्रिक लगाने वाले दुनिया के नौवे और भारत के दूसरे गेंदबाज बने। उनसे पहले चेतन शर्मा (1987), सकलेन मुश्ताक (1999), चमिंडा वास (2003), ब्रेट ली (2003), लसिथ मलिंगा (2007), केमार रोच (2011), लसिथ मलिंगा (2011) , स्टीव फिन (2015) और जेपी डुमिनी (2015)यह कमाल कर चुके हैं। किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि खिताब की प्रबल दावेदार और पहले तीनों मैच आसानी से जीतने वाली भारतीय टीम को अफगानिस्तान से ऐसी चुनौती मिलेगी । भारत के लिये कप्तान विराट कोहली ने 63 गेंद में 67 रन बनाये जबकि उनके अलावा कोई भारतीय बल्लेबाज अफगान गेंदबाजों का सामना नहीं कर सका।
आईपीएल स्टार मोहम्मद नबी ने नौ ओवर में 33 रन देकर दो विकेट लिये । मुजीब उर रहमान ने दस ओवर में 26 रन देकर एक और रशीद खान ने 10 ओवर में 38 रन देकर एक विकेट लिया। पिच से मिल रही उछाल और टर्न का पूरा फायदा उठाते हुए अफगान गेंदबाजों ने भारत के सितारा बल्लेबाजों को बांधे रखा। उन्होंने 152 डाट गेंदें (करीब 25.2 ओवर) डाली। अफगान गेंदबाजों के लिये यह अच्छी वापसी रही जिन्हें पिछले मैच में इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने रिकार्ड 25 छक्के लगाये थे। महेंद्र सिंह धोनी (52 गेंद में 28 रन) और केदार जाधव (68 गेंद में 52 रन) रनगति नहीं बढा सके। दोनों ने बीच के 14 ओवरों में सिर्फ 57 रन बनाये।
धोनी स्ट्राइक रोटेट करने में नाकाम रहे और बल्लेबाजों के बीच अच्छा तालमेल भी नहीं दिखा । एक बार तो इसकी वजह से जाधव रन आउट होने से बाल बाल बचे। धोनी को रशीद ने आउट किया जो आगे बढकर खेलने के प्रयास में स्टम्पिंग का शिकार हो गए। हार्दिक पंड्या ने आते ही आक्रामक तेवर दिखाने शुरू किये लेकिन टिक नहीं सके । उन्हें तेज गेंदबाज आफताब आलम ने पवेलियन भेजा। कप्तान गुलबदन नाईब ने 52 रन देकर दो विकेट लिये। उन्होंने आखिरी ओवर की पांचवीं गेंद पर जाधव को आउट किया। इस मैच से पहले भारत ने तीन मैचों में 14 विकेट गंवाये थे और स्पिनर के सामने कोई बल्लेबाज आउट नहीं हुआ था। शानदार फार्म में चल रहे रोहित शर्मा को मुजीब ने दूसरा पर फंसाया । वहीं केएल राहुल 30 रन बनाने के बावजूद सहज नहीं लगे। उन्हें किंग्स इलेवन पंजाब के उनके साथी खिलाड़ी मुजीब ने आउट किया। रिवर्स स्वीप खेलने के प्रयास में वह शार्ट थर्डमैन पर हजरतुल्लाह जजाई को कैच दे बैठे। कोहली अकेले ऐसे भारतीय बल्लेबाज थे जो सहज दिखे । उन्होंने रशीद को उम्दा कवर ड्राइव लगाया। विजय शंकर ने 41 गेंद में 29 रन बनाये और कोहली के साथ 58 रन जोड़े । उन्हें रहमत शाह ने पगबाधा आउट किया। कोहली एक और शतक की ओर बढ रहे थे लेकिन नबी को कट लगाने के प्रयास में अपना विकेट गंवा बैठे।