आतंकी संगठन तालिबान की धमकी और हमले के बीच अफगानिस्तान के संसदीय चुनाव में 30 लाख से ज्यादा लोगों ने मतदान किया। सबसे ज्यादा मतदान काबुल, हेरात और नांगरहार प्रांत में हुआ। उरुजगान प्रांत में मतदान सबसे कम रहा।
सुरक्षा कारणों के चलते कंधार और गजनी प्रांत में शनिवार को मतदान स्थगित कर दिया गया था, वहां रविवार को मतदान हुआ। इस चुनाव में संसद के निचले सदन की 249 सीटों के लिए 2500 से ज्यादा उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
संसदीय चुनाव को अगले साल अप्रैल में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी के रूप में भी देखा जा रहा है। चुनाव का बहिष्कार कर रहे तालिबान ने रविवार को पूर्वी नांगरहार में सड़क किनारे एक विस्फोट कर छह बच्चों समेत 11 लोगों की जान ले ली।
तकनीकी दिक्कतों की वजह से भी शनिवार को कई केंद्रों में मतदान स्थगित कर दिया गया था। चुनाव में लगे कर्मचारियों को बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन डिवाइस प्रयोग करने में परेशानी आ रही थी। कुछ कर्मचारियों को डिवाइस इस्तेमाल करनी ही नहीं आती थी। इससे मतदान केंद्रों में वोटिंग में देरी हुई।