– गेहूं व धान के अतिरिक्त सूबे के किसानों की सूरजमुखी, बाजरा व अन्य तिलहनी फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीद और तिलहन उत्पादन को प्रोत्साहन करना
– खरीद में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित हो, इसके लिए किसान पंजीकरण पोर्टल पर सभी किसानों को पंजीकृत करना, ताकि फसल औने-पौने दाम पर न बिके
– बागवानी की मुख्य फसलों के लाभकारी मूल्य केा सुनिश्िचित करना, इसके लिए शुरू भावांतर भरपाई योजना में अब 12 नई सब्जियों व 3 फलों को शामिल करना
– ग्रेडिंग, सोर्टिंग, पैकिंग, ब्रांडिंग, मूल्य संवर्धन, भंडारण व फलों और सब्जियों के रेफ्रिजरेटिड ट्रांसपोर्ट के लिए इंटिग्रेटिड पैक हाउसिज स्थापित होंगे, 3 बन चुके, 181.72 करोड़ से 52 और बनेंगे
– किसानों की आय बढ़ाने के लिए सामूहिक इनपुट मैनेजमेंट, उपज संग्रह, कृषि व्यापार गतिविधियों के प्रबंधन को बढ़ावा के लिए वर्ष 2022 तक 1 हजार ‘किसान उत्पादक संगठन’ बनाए जाएंगे।
– रसायनिक खादों के उचित उपयोग के लिए किसानों को 81.69 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी हो चुके। अब मंडियों व सबयार्ड में 111 मृदा जांच प्रयोगशालाएं खोली जांएगी।
– सोनीपत के सेरसा गांव में मसाला मंडी, पंचकूला के पिंजौर में सेब मंडी व गुरुग्राम में फूल मंडी विकसित होगी
– फसल अवशेष प्रबंधन के लिए 1672 कस्टम हायरिंग सेंटर बन चुके हैं। संख्या और बढ़ेगी
– किसानों के लिए एकमुश्त ऋण ब्याज माफी शुरू हो चुकी है, इसमें किसानों को और राहत मिलेगी।
– किसानों के पशुधन को उच्चकोटि की पशु स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएगी। सभी पशुओं का बीमा होगा, कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम को बढ़ावा मिलेगा
हरियाणा का बजट 28 फरवरी को पेश होगा। बजट में क्या खास रहेगा, ये तो फिलहाल अभी नहीं बताया जा सकता। लेकिन विधानसभा अधिवेशन में राज्यपाल के अभिभाषण में इस बजट की झलक देखी जा सकती है और अंदाजा लगाया जा सकता है कि बजट कैसा होगा। कुछ सेक्टर सरकार की खास प्राथमिकताओं में शामिल हैं।