बांदा में अनुसूचित जाति के जोड़े ने सोमवार को अनोखे ढंग से शादी रचाई। इसकी विशेषता यह रही कि जोड़े ने अग्नि के स्थान पर डॉ. भीमराव आंबेडकर प्रतिमा के साथ सात फेरे लिए। इतना ही नहीं किसी ब्राह्मण से मंत्रोच्चारण भी नहीं कराया गया।
सत्य सुंता शाह ने बुद्ध प्रतिमा में उन्हें साथ जीने-मरने का संकल्प दिलाते हुए जयमाल की रस्म कराई। हिंदू वैवाहिक रिवाज में पढ़े जाने वाले मंत्रों के स्थान पर बुद्धम शरणम गच्छामि और आंबेडकर शरणम गच्छामि गूंजते रहे।
इस अनोखी शादी के लिए नव दंपति अपना सौभाग्य बता रहा है। दूल्हा अखिलेश कुमार उर्फ सोनू कबीर (मरौली, बबेरू) पॉलिटेक्निक अंतिम वर्ष का छात्र है। दुल्हन पूनम देवी (बिजली खेड़ा, बांदा) स्नातक है।
शादी के रस्म के दौरान दोनों के परिजन और गिनेचुने खानदानी उपस्थित रहे। दंपति ने कहा कि आडंबर और फिजूलखर्ची से परहेज करके उन्होंने यह विवाह रचाया है। कहा कि डॉ. आंबेडकर उनके ईष्ट हैं इसीलिए उनके फेरे लिए।