अनुच्छेद-370 को हटाने से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ तरह तरह की साजिशें रचनी शुरू कर दी है। पाकिस्तान अब भारत में दो हजार रुपये के नकली नोट की खेप भेजनी शुरू कर दी है।
इस खुलासे के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान से 2000 रुपये के जो नकली नोट सप्लाई किए जा रहे हैं वे बिल्कुल असली जैसे दिखाई देते हैं। बताया जाता है कि पाकिस्तान ने 2000 रुपये पर दिए गए उन सभी सुरक्षा इंतजामों की हू-ब-हू नकल कर ली है।
स्पेशल सेल के एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तानी एजेंसी द्वारा भारत की सबसे बड़ी करेंसी में सेंध लगाना बिना सरकारी मदद के मुमकिन नहीं है। पाकिस्तानी प्रेस में छपे 2000 के नकली नोटों बिल्कुल असली जैसे दिखते हैं। इन नकली नोटों और असली नोटों के बीच फर्क करना मुश्किल है। भारत के असली नोट से बेहद मामूली अंतर को देखते हुए भारतीय एजेंसियां और दिल्ली पुलिस चौकन्नी हो गई है।
दरअसल, भारतीय सेना और सुरक्षाबलों की मुस्तैदी से पाकिस्तान कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ नहीं करा पा रहा है। लाख कोशिशों के बाद वह कश्मीर की शांति को भी भंग नहीं कर पा रहा है। उसके हाथों में कठपुतली के तौर पर काम करने वाले अलगाववादी भी घाटी के लोगों को नहीं बहला पा रहे है।
यही नहीं अनुच्छेद-370 को खत्म करने के बाद दुनिया भी उसके साथ खड़ी नहीं होना चाहती है। इससे बौखलाया पाकिस्तान अब भारतीय अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाने में जुट गया है। भारतीय बाजार में 2000 के नकली नोटों की सप्लाई करने के पीछे उसका यही मकसद नजर आ रहा है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हाल ही में नकली नोटों की खेप को जब्त किया था। जांच में पाया गया है कि ड़ी साजिश के तहत पाकिस्तान भारतीय अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाने के मकसद से जाली नोटों को अपने छापेखाने में छाप रहा है। यह छापाखाना कराची के मलीर-हाल्ट इलाके में पाकिस्तानी सिक्योरिटी प्रेस के नाम से मौजूद है।
पकड़े गए नकली नोटों में पहली बार ऑप्टिकल वेरियबल इंक का इस्तेमाल किया गया है। यहां बता देना जरूरी है कि यह विशेष किस्म की स्याही 2000 के नोट के धागे पर इस्तेमाल की जाती है। यह नोट पर हरे रंग की दिखती है।
सूत्रों ने बताया कि छह महीने पहले जो जाली नोट पकड़े गए थे उनमें ऑप्टिकल वेरियबल इंक का इस्तेमाल नहीं हो रहा था। ज्ञात हो कि यह खास स्याही एक विदेशी कंपनी बनाती है, जिसकी आपूर्ति सिर्फ चुनिंदा देशों की सरकारों को होती है। ऐसे में पाकिस्तान सरकार की मदद के बगैर इस इंक का इस्तेमाल जाली भारतीय करेंसी को छापने में नहीं किया जा सकता है।
ताजा खुलासे के बाद साफ हो गया है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की शह पर ही पाकिस्तानी सिक्योरिटी प्रेस में भारत की जाली मुद्रा धड़ल्ले से छप रही है। यही नहीं भारत में इसकी सप्लाई के लिए पाकिस्तान मोस्ट वॉन्टेड डॉन दाउद इब्राहिम का इस्तेमाल कर रहा है।