यूपी बोर्ड अब हाईस्कूल के छात्र-छात्राओं को प्लम्बर, सोलर सिस्टम मरम्मत, आपदा प्रबंधन और इलेक्ट्रीशियन की भी ट्रेनिंग देगा। यूपी बोर्ड के सभापति और माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय ने सचिव नीना श्रीवास्तव को इन विषयों के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व और कौशल विकास के लिए हाईस्कूल के पाठ्यक्रम में व्यवसायिक शिक्षा के वैकल्पिक विषय के रूप में इन्हें शामिल किया जाएगा। नौकरी के अवसर सीमित होने और तेजी से बढ़ती जनसंख्या और उनकी जरूरतों को देखते हुए सरकार ने यह निर्देश दिया है।
ताकि हाईस्कूल-इंटर तक की पढ़ाई करने के बाद युवा रोजगार से जुड़ सकें। माना जा रहा है कि 2020-21 सत्र से इन विषयों की पढ़ाई शुरू हो सकती है। पहले से भी हाईस्कूल स्तर पर 24 और इंटरमीडिएट में व्यवसायिक शिक्षा के 40 पाठ्यक्रम पढ़ाए जा रहे हैं।
ये अलग बात है कि इनमें छात्र-छात्राओं की संख्या बहुत कम रहती है। इन पाठ्यक्रमों को पढ़ाने के लिए विषय विशेष शिक्षकों को रखा जाता है जिन्हें अधिकतम 15 हजार रुपये मानदेय का भुगतान सरकार की ओर से होता है।
हाईस्कूल में पहले से संचालित व्यवसायिक कोर्स
लाइब्रेरी साइंस, कुकरी, फोटोग्राफी, बेकिंग एंड कन्फेक्शनरी, मधुमक्खी पालन, प्लांट नर्सरी, ऑटोमोबाइल, लांड्री एंड डाईंग, ड्रेस एंड डेकोरेशन, फूड प्रिसर्वेशन, एकांडट एंड ऑडिट, शार्टहैंड एंड टाइप, बैकिंग, टाईपिंग, फल संरक्षण तकनीक, फसल संरक्षा तकनीक, प्रिंटिंग, रेडियो एवं टीवी तकनीक, सिलाई तकनीक, खुदरा व्यापार, सुरक्षा, मोबाइल रिपेयरिंग, पर्यटन एवं आतिथ्य एवं आईटी पहले से संचालित हैं।
इंटर में 40 व्यवसायिक पाठ्यक्रम की पढ़ाई
यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट स्तर पर 42 व्यवसायिक पाठ्यक्रम संचालित करता है। हाल के वर्षों में खुदरा व्यापार, मोबाइल रिपेयरिंग, सुरक्षा, पर्यटन एवं आतिथ्य, ऑटोमोबाइल जैसे विषयों को शामिल किया गया है। पहले से फल एवं खाद्य संरक्षण, पाक शास्त्र (कुकरी), परिधान रचना एवं सज्जा, बेकिंग तथा कन्फेक्शनरी, डेरी प्रौद्योगिकी, इम्ब्राइडरी, कम्प्यूटर तकनीक एवं मेंटनेंस आदि विषय पढ़ाए जा रहे हैं।
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