केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि जब रसोई गैस सिलेंडर की कीमत ज्यादा रहती है तब गरीब परिवारों के लिए एक बार में उसकी कीमत चुकाना कठिन होता है। इसलिए सरकार इस मुश्किल को आसान बनाने पर विचार कर रही है। इस सिलसिले में उन्होंने आईआईटी भुवनेश्वर द्वारा विकसित किए गए ‘एलपीजी डिलीवरी सिस्टम’ का भी जिक्र किया।
प्रधान ने कहा, उज्ज्वला गैस कनेक्शन से महिलाओं को समय की बचत हुई है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को इन महिलाओं को किसी रोजगार के जरिये जोड़ना चाहिए, ताकि उनके समय का उपयोग हो सके। उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में एलपीजी गैस सिलेंडर को सौर ऊर्जा से चलने वाले स्टोव में बदलना होगा क्योंकि सौर ऊर्जा ही भविष्य की ऊर्जा है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस योजना से संबंधित अध्ययन (केस स्टडी) को जारी करते हुए प्रधान ने कहा, कंप्रेस्ड बायोगैस को एलपीजी की तरह इस्तेमाल करने का रास्ता निकाला जाना चाहिए।
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प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस योजना पर आईआईएम अहमदाबाद के पूर्व निदेशक एस.के. बरुआ ने केस स्टडी की है। अपने अध्ययन के बारे में बरुआ ने कहा, उज्ज्वला योजना की सभी लाभार्थियों ने बताया है कि इससे उनके समय की बचत हुई है। ऐसे में सरकार के सामने यह चुनौती है कि उनके लिए रोजगार की कोई योजना तैयार करे।