साल का आखिरी सुपरमून बृहस्पतिवार को होगा। शाम 4:15 बजे सुपरमून अपने चरम पर होगा। सुपरमून के दौरान चंद्रमा आम दिनों की अपेक्षा 14 फीसदी बड़ा और 30 फीसदी ज्यादा चमकदार होगा। दोपहर में होने वाली खगोलीय घटना को भारत में नहीं देखा जा सकेगा। लेकिन आप ऑनलाइन इस खूबसूरत सुपनमून को देख सकते हैं।
वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला के खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि चंद्रमा का केवल 59 फीसदी हिस्सा ही पृथ्वी से देखा जा सकता है। चंद्रमा की पृथ्वी के चक्कर काटने की कक्षा अंडाकार है।
इस वजह से कई बार यह पृथ्वी के काफी पास तक आ जाता है। इस सुपरमून के दौरान यह पृथ्वी के 23 हजार किलोमीटर तक करीब होगा। सुपरमून के वक्त पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी घटकर केवल 3,61,184 किलोमीटर तक रह जाएगी। जिस वजह से ये धरती से ज्यादा बड़ा और चमकदार नजर आएगा।
खगोलविद ने बताया कि मई में पड़ने वाले सुपरमून को फ्लॉवर मून और अप्रैल में पड़ने वाले सुपरमून को पिंक मून कहा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि फुल मून का नाम अमेरिकी मौसमों, फूलों और क्षेत्रों के नाम पर रखा गया है जो पहली बार मेन फार्मर एलमैनेक में प्रकाशित हुए थे।
प्रकाशन के अनुसार उत्तरी अमेरिका में एलगोनक्विन जनजाति ने मई के पूर्णिमा का नाम फ्लॉवर मून इसलिए रखा, क्योंकि इस समय के आसपास बेहद बड़ी संख्या में फूल खिलते हैं। इस महीने की पूर्णिमा के अन्य नामों में कॉर्न प्लांटिंग मून और मिल्क मून भी शामिल हैं।
स्लूह और वर्चुअल टेलीस्कोप सहित लोकप्रिय यूट्यूब चैनल सुपरमून की लाइवस्ट्रीम करने के लिए जाने जाते हैं। ऑनलाइन सुपरमून के दीदार के लिए आप इन एप का इस्तेमाल कर सकते हैं।