ग्लोबल वार्मिंग और मौसम चक्र में बदलाव के कारण इस साल मार्च से मई तक भारत के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्मी पड़ेगी। मौसम विभाग ने कहा कि इस दौरान लू की स्थिति भी सामान्य से ज्यादा होगी।
मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों, मध्य, पश्चिमी एवं पूर्वोत्तर भारत के इलाकों में मार्च, अप्रैल, मई में सामान्य से अधिक गर्मी पड़ेगी। मौसम चक्र में बदलाव के चलते पारा सामान्य से 1.5 डिग्री अधिक रह सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र और तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में इस दौरान सामान्य से ज्यादा लू चलने की संभावना है।
अप्रैल में दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र के ज्यादातर हिस्सों में तापमान 1 से 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहेगा। फरवरी में ही महाराष्ट्र व दक्षिण राज्यों में गर्मी ने असर दिखाना शुरू कर दिया है यहां के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान 32 से 35 डिग्री के बीच दर्ज किया जा रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो महीनों में तापमान में और इजाफा होगा। इसी तरह, मार्च में महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और दक्षिण राज्य आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में तापमान 0.5 से 1 डिग्री सेल्सियस अधिक रहने का अनुमान है।
आईएमडी की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल अल नीनो की स्थिति फरवरी से जून तक रही थीं। इस साल अल नीनो भारत में लू में इजाफा होने का जिम्मेदार बनेगा। इससे 2020 से 2064 तक गर्मी और लू में इजाफा होना जारी रहेगा। यह सब ग्लोबल वार्मिंग के कारण भी हो रहा है।