अगर कोई सांप आपके पीछे पड़ जाए तो आप अपनी जान कैसे बचाएंगे..? अगर आपका जवाब है ‘दौड़कर’ तो बता दें इससे काम नहीं चलने वाला। फिर क्या करें..? सोच में पड़ गए न… चलिए हम इस आर्टिकल की मदद से समझाते हैं।सापों से जुड़े ऐसे बहुत से तथ्य हैं जिनकी जानकारी आज भी हम में से कई लोगों के पास नहीं होगी। इन्हें जानना बेहद जरूरी है। ये कहीं भी और कभी भी आपके काम आ सकती है। दुनिया में सांपों की 2500 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं, इनमें से लगभग 20% प्रजातियां जहरीली होती है। भारत में सांपों की करीब 300 प्रकार की प्रजाति पाई जाती हैं, जिनमें से 50 बेहद विषैली होती हैं। एक रिपोर्ट की मानें तो भारत में हर साल लगभग 2.50 लाख लोग सांप के काटने का शिकार होते हैं जिनमें से करीब 50,000 लोगों की मौत हो जाती है जबकि सरकारी आंकड़ा मात्र 20 हजार का है।
वैसे तो सांप दुनिया के हर कोने में पाए जाते हैं, लेकिन सांपों को ठंड पसंद नहीं है। सांप अपने जबड़े के निचले हिस्से को जमीन से लगाकर धरती से उठने वाली तरंगों और थोड़ी सी हलचल को महसुस कर लेता है। एक्सपर्ट का मानना है कि इनकी मदद से भूकंप और सुनामी जैसे विनाशकारी तुफान के बारे में जानकारी देने की क्षमता होती है।
शेर जैसे खूंखार जानवर को तो हम मानव थोड़ी-बहुत ट्रेनिंग देकर कुछ सिखा सकते हैं पर सांप को नहीं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सांप कुछ सीख ही नही सकते। उनके दिमाग में अन्य जीव की तरह सेरिब्रल हेमीस्फियर नही पाया जाता है। दिमाग का यही हिस्सा सीखने की क्रिया को नियंत्रित करता है। सांप के दिमाग में यह हिस्सा ही नही होता, इस लिए वह कुछ सीखते ही नही है।
अगर कभी सांप आपके पीछे पड़ जाए तो आप क्या करेंगे? आपका जवाब होगा दौड़ेंगे, लेकिन इससे काम नहीं चलने वाला। आप सोच रहे होंगे न कि फिर क्या करें? घबराएं नहीं बस सांप की तरह टेढ़ा-मेढ़ा यानी जिग-जैग दौड़ना शुरू कर दें। दरअसल, सीधा दौड़ने पर सांप आपका तेजी से पीछे कर सकता है लेकिन जिग-जैग दौड़ने पर सांप लंबे समय तक आपका पीछा नहीं कर सकता।
ब्राजील में स्थित ‘स्नेक आइलैंड’, सांपो की सबसे घनी आबादी वाली जगह है। यहां पर हर एक वर्ग मीटर में पांच सांप रहते हैं यानि कि आपके सिंगल बेड जितनी जगह में दस सांप और डबल बेड जितनी जगह में बीस सांप। आपकी जानकारी के लिए बता दें सांप साल में कम से कम तीन बार अपनी केंचुली उतारते हैं।