किसानों ने सरकार का खाना खाने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा है कि जब तक सरकार से कृषि कानूनों पर कोई समझौता नहीं होता, वे सरकार की दी हुई किसी चीज का इस्तेमाल नहीं करेंगे। किसान नेताओं ने अपने भोजन का प्रबंध स्वयं किया और उनके लिए एक नजदीकी गुरुद्वारे से भोजन लाया गया। इसके लिए शाम तीन बजे एक एंबुलेंस के जरिये खाने-पीने का सभी सामान वार्ता स्थल विज्ञान भवन तक लाया गया।
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किसान नेता प्रतिभा शिंदे ने मीडिया को बताया कि यह केवल एक संकेत है कि अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो उसका दिया हुआ कुछ भी हमें स्वीकार नहीं होगा। सरकार को हर हाल में हमारी मांगें स्वीकार करनी पड़ेगी क्योंकि ये केवल हमारा विषय नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के किसानों और उनकी आने वाली पीढ़ियों का प्रश्न है।
चौथे दौर की वार्ता के दिन गुरुवार को सरकार और किसानों के बीच वार्ता जारी है। किसान सभी तीन कानूनों को सिरे से वापस लेने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार कानून में कुछ संशोधन के लिए तैयार है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार और किसानों में अब तक सहमति बनने की कोई संभावना दिखाई नहीं दे रही है। अगर सहमति नहीं बनती है तो किसान दिल्ली को चारों तरफ से घेरने और आंदोलन तेज करने की रणनीति पर काम करेंगे।