पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को जिस किसी भी देश का मंच मिलता है वो कश्मीर का रोना जरूर रोते हैं। उस देश से कश्मीर के लिए बात जरूर करते हैं। कश्मीर के लोग अनुच्छेद 370 को हटाए जाने से खुश हैं मगर इमरान खान को दुख है। वो इस दुख को हर मंच पर जाहिर करते हैं।
कश्मीर के मुद्दे को लेकर अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने की उनकी पुरानी आदत भी है। इसे दुनिया भर के लोग यूएनएससी की कांफ्रेंस में देख भी चुके हैं। बीबीसी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अब इमरान को भविष्य में दूसरी मजबूत सरकार से अनुच्छेद 370 को हटाने की उम्मीद है। भाजपा सरकार के शासन में उन्हें ऐसा नहीं दिख रहा।
हाल ही में इमरान ने बेल्जियम में भी कश्मीर का रोना रोया। वहां एक टीवी को दिए गए इंटरव्यू में वो यहां तक कह गए कि यदि कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय का अधिकार दिया गया तो वो पाकिस्तान को चुनेंगे। कश्मीर के लोग पाकिस्तान को क्यों चुनेंगे के सवाल पर इमरान ने सिर्फ इतना कहा कि वहां मुस्लिम बहुतायत में रहते हैं। कश्मीर के लोग शांति चाहते हैं वो आतंकवाद से दुखी है के सवाल पर वो गोलमोल जवाब देते रहे।
बेल्जियम में दिए गए इस इंटरव्यू को पाकिस्तान के सरकारी चैनल पीटीवी पर प्रसारण भी किया गया। इस वजह से पाकिस्तान के लोगों को ये दिखाने की कोशिश की गई कि इमरान अभी भी कश्मीर मामले को लेकर गंभीर हैं वो तमाम देशों से इसके लिए बात कर रहे हैं। बड़बोले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने यहां तक कहा कि जब तक भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शासन है तब तक ये मसला हल होने वाला नहीं है।
भारत ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया है, उसी के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। इमरान खान अपने स्तर से दुनियाभर में इसको हटाए जाने का विरोध दर्ज करवा चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देशों से इस मुद्दे को सुलझाने और इसका मध्यस्थ बनने के लिए कह चुके हैं मगर किसी देश ने इसमें रूचि नहीं ली। अमेरिका ने दो टूक कह दिया कि ये दोनों देशों का आपसी मसला है वो आपस में बैठकर इसको सुलझाएं। वो इसमें किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच तीन बार युद्ध हुए हैं। कश्मीर दक्षिण एशिया के इन दो बड़े देशों के संबंध सामान्य होने की राह में बड़ा मसला रहा है। यह व्यापार और समृद्धि की राह में मुख्य बाधा है। अगर दोनों देशों के रिश्ते सामान्य होंगे, कारोबार अच्छा होगा, तो दोनों को अपने यहां गरीबी कम करने में मदद मिलेगी।
दुनिया जानती है कि भारत ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने और उसे लागू करने के लिए किसी तरह की ताकत का इस्तेमाल नहीं किया है उसके बाद भी इमरान खान यही कहते हुए घूम रहे हैं कि भारत ने हथियार के बल पर कश्मीर से अनुच्छेद हटाया है। कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के इस तरह के दावों का भारत खंडन करता है और उसका कहना है कि कश्मीर उसका आंतरिक मामला है। भारत का यह भी कहना है कि पाकिस्तान और भारत के बीच शिमला समझौता होने के बाद संयुक्त राष्ट्र के पहले के प्रस्तावों का कोई मतलब नहीं है और आपसी मसलों को दोनों देशों को बिना किसी बाहरी दखल के सुलझाना होगा।
और तो और कश्मीर के मुद्दे पर हर जगह से निराशा पा चुके इमरान अब भविष्य में इसके समाधान की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भले ही इस सरकार से उन्हें कश्मीर मुद्दे को लेकर सकारात्मक रुख की उम्मीद नहीं है मगर उन्हें लगता है कि भविष्य में कोई मजबूत नेतृत्व आया, तो वो जरूर इसका हल चाहेगा।