भारत देश अपनी धार्मिक मान्यताओं के लिए जाना जाता है, वही काले रंग का गोल तथा चिकना सा दिखने वाले पत्थर को शालिग्राम कहा जाता है। शालिग्राम को प्रभु श्री विष्णु का साक्षात स्वरूप माना जाता है। कहा जाता है कि जिस घर में प्रभु श्री विष्णु रहते हैं, वो घर तीर्थ के समान हो जाता है।

किन्तु शालिग्राम की उपासना में कुछ खास सावधानियां रखने की आवश्यकता है, नहीं तो घर में दोष लगता है तथा अच्छी भली जिंदगी बर्बादी के मार्ग पर चल पड़ती है। यदि आपके घर में भी शालिग्राम है तो यहां बताई जा रही बातों का अवश्य ख्याल रखें।
1. घर को पवित्र रखें तथा जिस जगह पर शालिग्राम हों, उसे मंदिर की भांति सजाएं। अपने आचार तथा विचार शुद्ध रखें।
2. शालिग्राम की उपासना का क्रम टूटने न दें। मतलब नियमित रूप से शालिग्राम की आराधना आवश्यक है। नियमित रूप से शालिग्राम महाराज को चंदन, पुष्प वगैरह चढ़ाएं। संभव हो तो प्रतिदिन एक तुलसी का पत्ता अवश्य अर्पित करें।
3. शालिग्राम महाराज पर कभी भी अक्षत नहीं चढ़ाने चाहिए। शास्त्रों में इसकी मनाही है। किन्तु यदि आप ऐसा कर रहे हैं तो चावल को हल्दी से पीला रंग से रंगने के पश्चात् ही चढ़ाएं।
4. शालिग्राम को हमेशा मेहनत की कमाई से क्रय करके घर में लाना चाहिए। न तो किसी गृहस्थ शख्स से इन्हें लें तथा न ही किसी गृहस्थ शख्स को दें। किन्तु कोई संत अथवा सिद्ध पुरुष यदि आपको शालिग्राम देते हैं, तो आप ले सकते हैं।
5. अगर आपके घर में शालिग्राम हैं तथा आप इसका ठीक से ध्यान नहीं रखा पाते हैं तो बेहतर होगा कि इसे किसी नदी में प्रवाहित कर दें अथवा फिर किसी संत को दे दें, नहीं तो घर में उल्टे प्रभाव दिखाई देंगे।
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