मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बसपा और भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि वे चोर..चोर मौसेरे भाई हैं और राज्य में अगली सरकार बनाने के लिए ‘किसी भी हद तक’ जा सकते हैं.
गाजियाबाद और हापुड़ के कुछ हिस्सों में स्थित धौलाना विधानसभा से कांग्रेस-सपा के प्रत्याशी धर्मेश तोमर के लिए बुधवार को मसूरी शहर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा भाजपा-बसपा ने पूर्व में गठबंधन सरकार बनाई थी लेकिन ‘सत्ता के लालच के कारण’ गठबंधन टूट गया था.
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन ‘सांप्रदायिक ताकतों’ को परास्त करके कम से कम 300 सीटों पर जीत दर्ज करेगी.
उन्होंने कहा कि 2014 के संसदीय चुनावों के दौरान मायावती ने ‘जानबूझ कर’ बसपा का वोट भाजपा को दिलवा दिया था.
11 फरवरी से होंगे चुनाव
उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी से 8 मार्च के बीच सात चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी के अखिलेश धड़े के बीच गठबंध के बावजूद बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा.
केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के बाद जिस तरह से बीजेपी को दिल्ली और बिहार में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है, वैसे में उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. मुख्यमंत्री चेहरे को सामने न लाकर एक बार फिर बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे पर दांव खेला है. इसका कितना फायदा उसे इन चुनावों में मिलेगा वह 11 मार्च को सामने आ ही जाएगा.
इस बार उत्तर प्रदेश चुनावों में समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के अलावा प्रदेश की कानून व्यवस्था, सर्जिकल स्ट्राइक, नोटबंदी और विकास का मुद्दा प्रमुख रहने वाला है. जहां एक ओर बीजेपी और बसपा प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर अखिलेश सरकार को घेर रही हैं, वहीँ विपक्ष नोटबंदी के फैसले को भी चुनावी मुद्दा बना रहा है.
यूपी विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं. 2012 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने 224 सीट जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी. पिछले चुनावों में बसपा को 80, बीजेपी को 47, कांग्रेस को 28, रालोद को 9 और अन्य को 24 सीटें मिलीं थीं.
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