लखनऊ के स्कूलों में अक्तूबर से रौनक लौट सकती है। केंद्र सरकार ने कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को परामर्श देने के लिए स्कूलों को एसओपी जारी की है। इसके बाद शासन ने भी इसी तरह की एसओपी जारी की है तो स्कूल खुलने के आसार लगने लगे हैं। इस पर निजी स्कूलों के संगठन ने स्कूल खोलने का प्रस्ताव भेज दिया है। अक्तूबर के मध्य से स्कूल खुल सकते हैं। बारी-बारी से कक्षाओं को शुरू करने की योजना है।
अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि एक साथ सभी कक्षाएं नहीं चलेंगी। अक्तूबर के मध्य 12 के बाद से खोलने का प्रस्ताव भेजा गया है। पहले बड़ी कक्षाएं 10 और 12 को संचालित करने का प्रस्ताव है। इसके बाद कक्षा 9 और 11 की। फिर चरणबद्ध तरीके से जूनियर की कक्षाएं शुरू करने का प्रस्ताव है।
उन्होंने बताया कि प्री प्राइमरी व प्राइमरी की कक्षाएं संचालित करने के आसार फिलहाल कम ही लग रहे हैं। बोर्ड परीक्षा को ध्यान में रखते हुए कक्षा 10 और 12 के छात्रों की पढ़ाई बहुत जरूरी है। प्रस्ताव में यह भी दिया गया है कि किस तरीके से क्लास चलाए जाएंगे। कोविड रोकथाम के सभी नियम जैसे सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर का कड़ाई से पालन किया जाएगा।
कोरोना में कक्षाएं संचालित करने के लिए अलग से विशेष टाइम टेबल बनाने का प्रस्ताव है। इसके तहत दो शिफ्टों में संचालित करने की योजना है। छात्रों को विभिन्न वर्गों में बांट कर अलग-अलग समय पर बुलाया जाएगा। साथ ही अलग-अलग दिन पर भी बुलाने का प्रस्ताव है।
उन्होंने बताया कि कक्षा 10 और 12 के छात्रों की बोर्ड परीक्षा के मद्देनजर प्रोजेक्ट वर्क व प्रैक्टिकल कार्यों के लिए उनकी कक्षाएं प्रारंभ करना अब जरूरी लग रहा है। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव में कक्षा की पढ़ाई के साथ ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने की योजना दी गई है। स्कूल खोलने को लेकर बाध्यता नहीं होगी। प्रस्ताव अभिभावकों की राय लेकर तैयार किया गया है और अभिभावकों के अनुमति पर ही छात्रों को बुलाया जाएगा। जो स्कूल अभी नहीं बाद में खोलना चाहते हैं उन्हें बाध्य नहीं किया जाएगा।
एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि शासन के अधिकारी उप मुख्यमंत्री से इस संबंध में वार्ता करेंगे। स्कूल खोलने को लेकर शासन की गाइडलाइन का इंतजार है। केंद्रीय विद्यालय भी अक्तूबर से कुछ छात्रों को बुलाने की तैयारी कर रहे हैं। केंद्र सरकार की एसओपी के अनुसार उन्होंने अभिभावकों से छात्रों को बुलाने को लेकर अनुमति मांगी थी।
हालांकि, महज दो से पांच प्रतिशत अभिभावकों ने छात्रों को परामर्श के लिए भेजने की अनुमति दी है। केवी गोमती नगर के प्रधानाचार्य डॉ. सीबीपी वर्मा ने बताया कि कक्षा नौ से 12 तक में 1400 छात्रों में से 20 अभिभावकों ने ही परामर्श के लिए स्कूल भेजने की अनुमति दी है। अक्तूबर में छात्रों को बुलाया जाएगा। इनकी स्थिति को देखते हुए अभिभावक भी छात्रों को भेजने के लिए राजी हो जाएंगे।