ऑनलाइन स्कैम के मामले अब बढ़ते जा रहे हैं. साइबर स्कैम की बढ़ती लहर में धोखेबाजों ने अब एक कॉल फॉरवर्डिंग स्कैम के माध्यम से स्मार्टफोन यूजर्स को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। ये अपराधी खुद को मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटर और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के ग्राहक सेवा प्रतिनिधियों के रूप में पेश करते हैं और यूजर्स का अकाउंट खाली करते हैं। टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने यूजर्स को कॉल-फॉरवर्डिंग स्कैम के प्रति आगाह भी किया है।
कॉल फॉरवर्डिंग स्कैम क्या है?
कॉल फॉरवर्डिंग स्कैम एक भ्रामक योजना है जहां घोटालेबाज मोबाइल या इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के ग्राहक सेवा प्रतिनिधी बनकर यूजर्स को धोखा देते हैं। वे स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं से संपर्क करते हैं, उनके मोबाइल इंटरनेट, अकाउंट सुरक्षा या सिम कार्ड के साथ समस्याओं होने का दावा करते हैं। ग्राहक का विश्वास हासिल करने के लिए वे तुरंत समस्या का समाधान करने के लिए कहते हैं और प्रोसेस के नाम पर एक विशिष्ट नंबर 401 डायल करने के लिए कहते हैं।
इसके बाद घोटालेबाज के नंबर पर कॉल फॉरवर्डिंग एक्टिवेट हो जाता है। इसके बाद घोटालेबाज यूजर्स के कॉल और मैसेज यानी ओटीपी तक को एक्सेस कर सकते हैं। यह स्कैम इतना खतरनाक है कि पीड़ित को ओटीपी और इन कॉल को लेकर कोई जानकारी नहीं मिलती है, क्योंकि उनका फोन नहीं बजता। घोटालेबाज ओटीपी के जरिए आपका बैंक अकाउंट खाली भी कर सकते हैं।
कैसे रहें सुरक्षित?
कोड डायल करने या SMS भेजने से बचें: कभी भी कोड डायल न करें या अज्ञात सोर्स द्वारा भेजे गए टेक्स्ट मैसेज का जवाब न दें। कॉल फॉरवर्डिंग को एक्टिवेट करने के लिए स्कैमर्स अक्सर इन तरीकों का उपयोग करते हैं।
फोन की सिक्योरिटी बढ़ाएं: अपने स्मार्टफोन को सुरक्षित करने के लिए पासकोड या बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन का उपयोग करें, जिससे आपके डिवाइस तक अनधिकृत पहुंच को रोका जा सके।
संवेदनशील जानकारी शेयर करने से बचें: कभी भी अपने आईएसपी या मोबाइल नेटवर्क प्रदाता से होने का दावा करने वाले कॉल करने वालों के साथ ओटीपी जैसी संवेदनशील जानकारी साझा न करें। कोई भी डाटा साझा करने से पहले उनकी पहचान वेरीफाई कर लें।