अंतरंग संबंधों को लेकर लड़के-लड़कियों में होती है ये गलतफहमियां

सेक्स को लेकर लोगों के बीच तरह-तरह की गलतफहमियां हैं। कुछ बातें आज से नहीं बल्कि काफी सालों से लोगों के दिमाग है। हम में से कई लोग इस बात का विश्वास भी करते हैं और उन्हें मानते भी हैं। जिससे हमारी सेक्स लाइफ पर बुरा असर पड़ने लगता है। आइए आपको बताते हैं वो कौन सी गलतफहमियां हैं जो हमारी सेक्स लाइफ को प्रभावित करती हैं।

साथ में क्लाइमैक्स करना जरूरी
बहुत से कपल्स को लगता है कि अगर वो दोनों साथ में ऑर्गैज्म तक नहीं पहुंच पा रहे हैं तो दोनों के रिश्तों के बीच कुछ गलत है। उन्हें ऐसा महसूस होता है कि दोनों अलग-अलग समय पर क्लाइमैक्स करते हैं तो इसका मतलब यह है कि लवमेकिंग के तरीकों में कुछ गलत है। लेकिन ऐसा नहीं है। स्त्री और पुरुषों के बीच संबंधों में ऑर्गैज्म अलग-अलग होता है और अलग-अलग समय पर होता है।

गंदी बात
कई कपल्स मानते हैं कि सेक्स के दौरान बातें और छेड़छाड करने से संबंध बनाने के दौरान मजा बढ़ जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है। कई रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि दोनों पार्टनर संबंध बनाने के दौरान डर्टी टॉक्स को बिल्कुल एंजॉय नहीं करते। इसके अलावा कई लोग मानते हैं कि शराब का सेवन करने के बाद शारीरिक संबंध बनाने में आनंद आता है लेकिन ऐसा नहीं है। जबकि शराब पीकर संबंध बनाना रिस्की होता है।

कई बार पुरुषों को लगता है कि उनका लव मेकिंग लंबा चलना चाहिए। दोनों पार्टनर को ही ऐसा लगता है कि कम से कम दस से पंद्रह मिनट तक चलना चाहिए जबकि ऐसा नहीं है। एक स्टडी के मुताबिक भारत में ऐवरेज ड्यूरेशन ढाई से पांच मिनट के बीच की होती है क्योंकि ज्यादातर पुरुष उस दौरान बहुत जल्दबाजी में रहते हैं।

फर्स्ट टाइम संबंध बनाने को लेकर यह कहा जाता है कि लड़कियों को उस वक्त बहुत तकलीफ होती है। लेकिन इस समस्या के पीछे बस एक ही कारण है जानकारी का अभाव होना। रिसर्च के मुताबिक जानकारी के अभाव की वजह से लड़कियां या कई लड़के भी बहुत डर जाते हैं जिसके वजह से उन्हें फर्स्ट टाइम समस्या होती है।

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