नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने फर्जी पासपोर्ट मामले में दोषी ठहराए गए अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के मामले में सजा सुनाई। छोटा राजन के ही साथ बेंगलुरू पासपोर्ट कार्यालय के 3 अधिकारियों को सजा सुनाई गई। न्यायालय ने छोटा राजन को 7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है साथ ही अराोपियों को 15 हजार रूपए का जुर्माना भरने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि इंडोनेशिया में पकड़े गए और फिर भारत लाए गए अंडरवल्र्ड डाॅन छोटा राजन पर 70 से अधिक प्रकरण चल रहे हैं।
दरअसल सीबीआई ने वर्ष 2016 में चार्जशीट दाखिल की थी। छोटा राजन पर आईपीसी की धारा 420, 468, 471, 120 बी, प्रिवेंशन आॅफ करप्शन एक्ट के अंतर्गत आरोप तय किए गए हैं। सीबीआई द्वारा इस मामले में पहली चार्जशीट फरवरी वर्ष 2016 में न्यायालय में दायर की गई थी। जिसमें छोटा राजन के ही साथ बेंगलुरू के तीन सेवानिवृत्त अधिकारियों को नामित किया गया था। सीबीआई के मुताबिक, चारों आरोपियों को धोखाधड़ी,षडयंत्र रचने और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत चार्जशीट में नामित किया गया था।
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सितंबर 2003 मे मोहन कुमार के नाम पर बने फर्जी पासपोर्ट और टूरिस्ट वीजा पर छोटा राजन भारत से ऑस्ट्रेलिया भाग गया था। इसके बाद वह करीब 12 साल तक वहीं रहा था। सुरक्षा कारणों के चलते वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से छोटा राजन से संबंधित कार्रवाईयां की जाती हैं। उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2015 मे जब छोटा राजन ऑस्ट्रेलिया से इंडोनेशिया पहुंचाएतो इंटरपोल के रेड कार्नर नोटिस जारी करने के बाद उसे बाली में गिरफ्तार करके नवंबर 2015 में भारत को सौंप दिया गया था। गौरतलब है कि अक्टूबर 2015 में छोटा राजन आॅस्ट्रेलिया से इंडोनेशिया पहुंचा इस दौरान इंटरपोल केे रेड काॅर्नर नोटिस जारी किए जाने के बाद उसे बाली में पकड़ लिया गया था। बाली से उसे भारत लाने के लिए कार्रवाई की गई थी। जिसके बाद वह भारत लाया गया था। उसने यह अपील की थी कि उसे मुंबई के अलावा दूसरी जगह रखा जाए। जिसके बाद उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया।