आइआइटी रूपनगर के इंजीनियरों ने द्वारा तैयार किया गया उपकरण महिलाओं के लिए वरदान साबित हो सकता है। इंजीनियरों ने ब्रेस्ट कैंसर को जांचने के लिए बेहद आसान व सुलभ तकनीक इजाद की है। इसका सबसे ज्यादा फायदा ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों को होगा। इससे उन्हें इलाज के दौरान विकिरण के नुकसान से बचाव के साथ-साथ दर्द भी नहीं सहना पड़ेगा।
थर्मल वेव इमेजिंग के जरिये बिना दर्द पता किया जा सकेगा ब्रेस्ट कैंसर
आइआइटी रूपनगर के इंजीनियरों ने थर्मल वेव इमेजिंग उपकरण बनाया है। आइआइटी के डिपार्टमेंट आफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर रवि बाबू मुल्लावेस्ला ने इस उपकरण को इजाद किया है। इस उपकरण को बनाने में आइआइटी स्टूडेंट्स ए शर्मा और जी दुआ ने सहयोग दिया है। इससे महिला के बेस्ट कैंसर को जांचना आसान होगा।
आइआइटी रूपनगर में तैयार किया गया ब्रेस्ट कैंसर जांचने वाला थर्मल वेव इमेजिंग उपकरण।
एसोसिएट प्रोफेसर रवि बाबू मुल्लावेस्ला ने तैयार की तकनीक, तापमान के जरिये चलेगा कैंसर का पता
एसोसिएट प्रोफेसर रविबाबू मुल्लावेस्ला ने बताया कि फिलहाल ब्रेस्ट कैंसर के ट्यूमर की जांच के लिए मेमोग्राफी की जाती है, जोकि दर्द भरा होती है। इसमें मरीज को विकिरण का असर और झनझानाहट भी होती है। टेस्ट को स्पष्ट करने में भी दिक्कतें आती हैं।
उन्हाेंने बताया कि आइआइटी में इजाद उपकरण से जांच के दौरान विकिरण का असर और दर्द नहीं होगा। इस मशीन में मरीज के शरीर के अंग में तापमान को जांचा जा सकता है। ट्यूमर का शरीर के सामान्य हिस्से से ज्यादा तापमान होता है। इससे आसानी से पता लगाया जा सकता है कि ट्यूमर की स्थिति क्या है।
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अभी ऐसे जांचा जाता है ब्रेस्ट कैंसर
अभी फिलहाल ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए मेमोग्राफी टेस्ट होता है। इसके बाद कैंसर के ट्यूमर के बारे में ज्यादा जानकारी लेने के लिए एफएनएसी टेस्ट होता है। इसमें सीरिंज के जरिये मरीज के प्रभावित अंग से सैंपल लिए जाते हैं। इस टेस्ट के जरिये भी अगर मरीज को ब्रेस्ट कैंसर के बारे में पता न चले तो बायोप्सी टेस्ट करवाया जाता है। इसमें मरीज के अंग का पार्ट लेकर जांच करवाई जाती है।