विकिपीडिया के को-फाउंडर जिमी वेल्स ने एलन मस्क के सोशल प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) और चैटजीपीटी को लेकर कहा है कि ये भरोसेलायक नहीं हैं। सही सूचना के लिए इनपर भरोसा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने एक इंटरव्यू में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर भी अपनी राय रखी। जिमी ने कहा कि किसी भी नई तकनीक के शुरुआती दिनों में अक्सर चिंता और डर पैदा हो जाता है कि पता नहीं इसका दुरुपयोग कैसे होगा। ऐसे में एआई को लेकर लोगों के मन में डर को अपवाद नहीं है।
लिस्बन में एक वेब समित में वेल्स ने कहा, ‘मुझे ईबे के शुरुआती दिनों की याद है, ऐसा लगता था कि कोई ईबे पर बंदूक बेच रहा है। कोई अपने बच्चे को eBay पर बेच रहा है। फिर कुछ दिन बाद हमें पता चला कि आप eBay पर जो कुछ भी चाहते हैं उसे सूचीबद्ध कर सकते हैं, लेकिन लोग इसकी रिपोर्ट करेंगे और इसे हटा दिया जाएगा।’
वेल्स ने आगे कहा कि अभी चैटजीपीटी के साथ भी ऐसी ही हालत है। इसमें कोई संदेह नहीं है, यह एक अविश्वसनीय रूप से प्रभावशाली तकनीक है, लेकिन यदि आप वास्तव में इसका इस्तेमाल करते हैं तो सीमाएं अधिक स्पष्ट हो जाती हैं।
वेल्स के मुताबिक समय के साथ तकनीक बेहतर होती जाती हैं लेकिन शुरुआत में इन पर पूरी तरह से भरोसा करना उचित नहीं होता है। चैटजीपीटी के साथ भी यही हाल है। Wikipedia पर लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLMs) के इस्तेमाल के सवाल पर उन्होंने कहा कि Wikipedia पर इसका बेहतर तरीके से इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन एक्स पर नहीं हो रहा है। एक्स सच के लिए एक भरोसमंद सोर्स नहीं है। एलन मस्क के एआई चैटबॉट Grok के सवाल पर वेल्स ने कहा कि उन्होंने इसका नाम तक नहीं सुना है।