विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने शुक्रवार को वैक्सीन राष्ट्रवाद (Vaccine nationalism) को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कुछ देश सिर्फ अपने नागरिकों के लिए ही वैक्सीन ला रहे हैं और दुनिया के कम विकसित देशों को वैक्सीन नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि इससे तो महामारी जल्द खत्म नहीं होगी और सभी को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।

विश्व आर्थिक मंच के हफ्तेभर चले ऑनलाइन दावोस एजेंडा शिखर बैठक के आखिरी दिन घेब्रेयेसस ने कहा कि ज्यादातर देश अपने नागरिकों के लिए ही वैक्सीन ला रहे हैं। इससे दुनिया के सबसे अधिक जोखिम वाले लोगों को वैक्सीन नहीं मिल रही है और वे गंभीर खतरे में हैं। उन्होंने कहा कि एक साल पहले डब्ल्यूएचओ की आपातकालीन समिति ने कोरोना को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इमरजेंसी की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि महामारी ने हमारी दुनिया की असमानताओं को उजागर और शोषित किया है।
दूसरी तरफ, कोरोना वायरस की शुरुआत का पता लगाने के लिए डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों का चीन के वुहान में अधिकारियों के साथ बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है। डब्ल्यूएचओ की टीम ने चीन के अधिकारियों को विस्तृत बुनियादी आंकड़ा मुहैया कराने का अनुरोध किया है। विशेषज्ञों की यह टीम शुरुआती दिनों में कोविड-19 से संक्रमित होने वाले कुछ लोगों से बातचीत भी करेगी।
बता दें कि चीन पहुंचने के बाद डब्ल्यूएचओ की टीम के सदस्यों को दो सप्ताह क्वारंटाइन होना पड़ेा था। इस दौरान उन्होंने चीन के अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात की। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक टीम अस्पताल, हुनान के सी-फूड मार्केट समेत विभिन्न बाजार का भी दौरा करेगी, जहां से संक्रमण का पहला मामला आया था। इसके अलावा, टीम वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और वुहान रोग नियंत्रण केंद्र की प्रयोगशालाओं का भी दौरा करेगी।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal