विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को कहा कि कोरोना से मृत्युदर को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है। संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा कि दुनियाभर में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, जिससे मृत्युदर भी बढ़ने की आशंका है। डब्ल्यूएचओ की मुख्य विज्ञानी सौम्या स्वामीनाथन ने एक कार्यक्रम में कहा कि अप्रैल के बाद से दुनियाभर में प्रतिदिन कोरोना से पांच हजार मौतें हो रही हैं। अप्रैल से पहले यह संख्या 7,500 से अधिक थी।

लेकिन नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यूरोप में रोजाना एक लाख नए केस सामने आ रहे हैं। नए मामलों के बढ़ने से आइसीयू में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है और इससे मृत्युदर भी बढ़ने की आशंका है। इस बीच, विश्व बैंक ने कहा है कि उसने कोरोना वैक्सीन खरीदने और उसके वितरण में विकासशील देशों को वित्तीय मदद देने के लिए 12 अरब डॉलर (लगभग 87,000 करोड़ रुपये) मंजूर किए हैं।
वर्ष के अंत तक आ जाएगी वैक्सीन: डब्ल्यूएचओ
इससे पहले डब्ल्यूएचओ की प्रमुख वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन के मुताबिक वर्ष के अंत तक या अगले वर्ष की शुरुआत तक कोरोना की वैक्सीन आ जाएगी। स्वामीनाथन ने सोमवार को कहा, ‘फिलहाल डब्ल्यूएचओ के बैनर तले 40 कंपनियां वैक्सीन विकसित कर रही है। उनमें से 10 कंपनियों का ट्रायल तीसरे चरण में है। वर्ष 2020 के अंत तक या फिर 2021 की शुरुआत तक हमारे पास वैक्सीन आ जाएगी।’
दुनिया का हर 10वां व्यक्ति कोरोना से संक्रमित
विश्व स्वास्थ्य संगठन ([डब्ल्यूएचओ)] के आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा के प्रमुख डॉ. माइकल रेयान ने इससे पहले बताया था कि उनके अनुमानों के मुताबिक दुनिया का हर 10वां व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हो चुका है। उन्होंने कहा कि अभी तक जितने भी मामले सामने आए हैं, संक्रमितों की वास्तविक संख्या उससे लगभग 20 गुना ज्यादा है। उन्होंने आने वाले दिनों में और भी गंभीर स्थिति को लेकर चेतावनी दी है।
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