इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप फेक न्यूज और अफवाह फैलाने वाले मैसेज को लेकर सवालों के घेरे में है. फेसबुक की सहायक कंपनी वॉट्सऐप ने अब विज्ञापनों का सहारा लेना शुरू किया है. वॉट्सऐप की तरफ से ये विज्ञापन ऐसे समय में आ रहा है जब भारत में फर्जी वॉट्सऐप मैसेज फॉर्वर्ड करने की वजह से शख्स की जान चली गई
गलत जानकारी से बचने के लिए हिंदी और अंग्रेजी अखबार में फुल पेज विज्ञापन देकर बताया जा रहा है कि आप गलत जानकारी से कैसे बच सकते हैं.
इस विज्ञापन में 10 प्वॉइंट दिए गए हैं और कंपनी का कहना है कि अगर आप इन सुझाव को मानेंगे तो WhatsApp पर प्राप्त होने वाले कॉन्टेंट सच हैं या नहीं यह पता लगा पाएंगे.
इस विज्ञापन में सबसे पहले एक नय फीचर का ज़िक्र है जो इसी हफ्ते शुरू होगा. हमने आपको इस फीचर के बारे में पहले भी बताया था. दरअसल इस फीचर के तहत फॉर्वर्ड किए गए मैसेज पर एक लेबल होगा जिससे यूजर ये समझ पाएंगे कि ये मैसेज फॉर्वर्ड किया गया है.
क्या विज्ञापन में दिए गए सुझाव से रूक सकता है फेक न्यूज?
इस विज्ञापन में पहला प्वॉइंट छोड़कर कोई भी ऐसा सुझाव नहीं है जो नया है. इस तरह के सुझाव के बारे में पहले से ही जानते हैं. उदहारण के तौर पर यहां लिखा है कि ऐसी जानकारी जिसपर यकीन करना कठिन हो या फिर किसी मैसेज को ध्यान से पढ़ना. या ऐसे मैसेज जो थोड़े अलग लगते हैं.
दिए गए ज्यादातर प्वॉइंट्स साधारण हैं और यह काफी बेसिक भी हैं. इन प्वॉइंट्स में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे ये सुनिश्चित हो सके कि वॉट्सऐप पर फेक न्यूज बंद हो जाएंगे.
10 प्वॉइंट्स जो वॉट्सऐप की तरफ से बताए गए हैं इससे फेक न्यूज पर ज्यादा असर नहीं पड़ने वाला. ऐसे इसलिए क्योंकि इसमें वॉट्सऐप की तरफ से कुछ भी ऐसे कदम का जिक्र नहीं है जिससे फेक न्यूज पर लगाम लग सके. विज्ञापन में सिर्फ ये कहा गया है कि सबकुछ आपको यानी यूजर्स को करना है. वॉट्सऐप इसके लिए कुछ नहीं करेगा.
WhatsApp के फेक प्रोफाइल से बचने के लिए उपाए करना होगा
प्रोपैगेंडा अकाउंट्स, फेक अकाउंट्स इस तरह के न सिर्फ फेसबुक पर हैं, बल्कि वॉट्सऐप पर हैं. एक शख्स अलग अलग नंबर लेकर वॉट्सऐप यूज करता है और इसके लिए मोबाइल कंपनियां भी जिम्मेदार हैं
मोबाइल कंपनियां कैसे हैं जिम्मेदार