तनावपूर्ण जीवन आपकी खुशहाली छीन लेता है और आपको अस्वस्थ करता है। कैसे रहें घर में सभी सदस्य स्वस्थ और खुशहाल, अपनाएं ये वास्तु के उपाय-
वास्तु में घर के मुख्य दरवाजे को ऊर्जा का प्रमुख स्रोत माना जाता है। घर का मुख्य दरवाजा ही घर में अच्छी सकारात्मक ऊर्जा लाता है। इसलिए मुख्य दरवाजे का कोई वास्तुदोष नहीं होना चाहिए। घर के मुख्य दरवाजे के सामने कोई बंध, बाधा, खंभा, ट्रांसफॉर्मर, भट्ठी या हमेशा पानी भरा रहना, कीचड़ व गंदगी रहती है, तो तुरन्त उसे हटाएं, वरना घर में बीमारियां कभी भी पीछा नहीं छोड़ेंगी।
आपने एक वास्तु पुरुष का चित्र अवश्य देखा होगा। इसमें ईशान में यानी नॉर्थ-ईस्ट में वास्तु पुरुष का सिर है। आप इस चित्र को अपने घर के नक्शे पर दिशा मिलाकर रखें। घर में किसी सदस्य को विशेषकर घर के वरिष्ठ सदस्य को यदि सेहत की कोई समस्या आ रही है, चाहे सिरदर्द की, घुटने में दर्द की या दिल की बीमारी आदि तो आप पाएंगे कि वास्तु पुरुष का सिर, घुटना या दिल घर के नक्शे में जिस हिस्से में आ रहा है, वहां पर वास्तु दोष है। आप तुरन्त घर के उस वास्तु दोष को दूर करके अपने घर के सदस्य की बीमारी-परेशानी से पीछा छुड़ा सकते हैं।
यदि स्वास्थ्य का जोन/कोण/एरिया घर में जानना है तो वो नॉर्थ, नॉर्थ-ईस्ट दिशा में है। घर में यह हिस्सा दोषरहित होना आवश्यक है, तभी घर के सदस्य स्वस्थ रह सकते हैं। आप अपनी दवाइयां घर के इसी हिस्से में रखें व पानी लेकर वहां पर जाएं व वहीं पर बैठकर दवाई ग्रहण करें। ये जोन साफ-सुथरा रहना चाहिए।
यदि आप इस जोन में महामृत्युंजय मंत्र की सीडी दिन में आधा-एक घंटा चलाएं तो घर की बीमारी-परेशानी निश्चित रूप से कम होने लगती हैं। यदि शिव का जो महामृत्युंजय रूप है, उसका चित्र इस नॉर्थ, नॉर्थ-ईस्ट की दीवार पर लगा देते हैं तो भी बहुत तेजी से बीमारी ठीक होने लगती है व बिना तोड़फोड़ के ही घर का वास्तु ठीक हो जाता है तथा घर के सदस्यों की सेहत अच्छी हो जाती है।
आप जिस कमरे में सोते हैं, वहां कूड़ा-करकट, पुराना टूटा-फूटा सामान, खराब इलेक्ट्रॉनिक्स या मैग्नेटिक सामान बिल्कुल भी न हो, वरना स्वास्थ्य खराब रहेगा। यदि बेडरूम में शीशा/दर्पण इस तरह से लगा है कि सोते समय आधा शरीर उसमें दिखाई देता है तो तुरन्त उसे हटा दें। और हटा नहीं सकते हैं तो रात को उसे ढककर अवश्य सोयें, वरना कोई न कोई ऑपरेशन/सर्जरी ये दर्पण करा सकता है।
घर में बीम के नीचे बैठना व सोना नहीं चाहिए। जो व्यक्ति बीम के नीचे बैठता या सोता है तो उससे घर में तनाव बढ़ता है और धीरे-धीरे कोई बीमारी हो जाती है।
जब आप रात को सोते हैं तो कभी भी उत्तर दिशा में सिर करके न सोयें। इससे नींद में बाधा/अनिद्रा का सामना करना पड़ता है व लंबे समय तक ऐसे सोने से सिरदर्द व अन्य बीमारियां घेरती चली जाती हैं।
यदि घर में 12-14 वर्ष की आयु से छोटे बच्चे हैं तो उनके लिए पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोना सर्वोत्तम रहता है। वरिष्ठ सदस्य दक्षिण या पश्चिम में सिर करके सोयेंगे तो भी अच्छा रहेगा।
भोजन करते समय मुख पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए।
स्वस्तिक का निशान सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। यदि घर में कोई कोना कटा हुआ है या घर का कोई हिस्सा बढ़ा हुआ है और तोड़-फोड़ भी संभव नहीं है तो किसी अच्छे वास्तुशास्त्री से राय लेकर उस दोष वाली दीवार पर यदि 9 आकार का स्वस्तिक का निशान या पोस्टर लगा दें तो इससे वास्तुदोष ठीक हो जाता है और स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।