अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप से हुई तीखी नोकझोंक के बाद कई यूरोपीय देश यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ आ गए हैं। ब्रिटेन और फ्रांस यूक्रेन के साथ मिलकर युद्ध विराम की योजना पर काम करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
इस बीच ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर ने कहा कि वह 1.6 बिलियन पाउंड ($2 बिलियन) के फंड से यूक्रेन को 5000 एयर डिफेंस मिसाइलें देगा।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, स्टार्मर ने रविवार को लंदन में पश्चिमी नेताओं के साथ शिखर सम्मेलन के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा,
‘यह महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और यूक्रेन को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण होगा।’
क्या है यूरोपीय देशों का उद्देश्य?
स्टार्मर ने कहा कि इसका लक्ष्य यूक्रेन को सबसे मजबूत स्थिति में लाना है, ताकि देश मजबूत स्थिति से बातचीत कर सके। पश्चिमी नेता, जिनमें एक दर्जन से अधिक यूरोपीय राष्ट्राध्यक्ष और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो शामिल थे, रविवार को लंदन में रक्षा शिखर सम्मेलन के लिए एकत्र हुए, जिसका उद्देश्य यूक्रेन के लिए शांति योजना को आगे बढ़ाना था।
स्टार्मर ने कहा कि शिखर सम्मेलन में नेताओं ने यूक्रेन में शांति की गारंटी के लिए चार-चरणीय योजना पर सहमति व्यक्त की थी।
संघर्ष जारी रहने तक यूक्रेन को सैन्य सहायता जारी रखना और रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाना है यह सुनिश्चित करना कि कोई भी स्थायी शांति यूक्रेन की संप्रभुता और सुरक्षा की गारंटी देती है, जिसमें किसी भी वार्ता के लिए यूक्रेन को शामिल किया जाता है।
शांति समझौते की स्थिति में रूस द्वारा किसी भी भविष्य के आक्रमण” को रोकना और यूक्रेन की रक्षा करने और देश में शांति बनाए रखने के लिए “इच्छुक लोगों का गठबंधन” स्थापित करना है।
नेताओं ने इन प्रयासों के पीछे की गति को बनाए रखने के लिए जल्द ही फिर से मिलने पर भी सहमति व्यक्त की।
डोनाल्ड ट्रंप से हुआ था झगड़ा
यह शिखर सम्मेलन राजनयिक तनाव के बीच हुआ, पिछले हफ्ते व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच अनुमानित कच्चे माल के समझौते को रद्द कर दिया गया था।
युद्ध रोकने के प्लान पर काम करेंगे ब्रिटेन, फ्रांस और यूक्रेन
इस बैठक से पहले स्टार्मर ने कहा था कि ब्रिटेन, फ्रांस और यूक्रेन मिलकर रूस-यूक्रेन जंग को रोकने के प्लान पर काम करने के लिए राजी हुए हैं। ये प्रस्ताव अमेरिका के सामने रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि ये प्लान तभी काम करेगा जब अमेरिका अपनी सुरक्षा गारंटी पर टिका रहेगा।