कोरोना वायरस से अब दुनिया के सबसे ताकतवर देश की भी हालत खराब हो रही है. कोरोना वायरस की वजह से अमेरिका में 1000 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. अमेरिका में अब तक 68,572 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं. संक्रमित लोगों की संख्या के मुताबिक अमेरिका इटली और चीन के बाद तीसरे नंबर पर आता है.
अमेरिका में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस की वजह से अब तक कुल 1031 लोगों की मौत हो चुकी है. जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार सबसे ज्यादा मौतें न्यूयॉर्क में हुई है. यहां करीब 366 लोग मारे गए हैं. वहीं वॉशिंगटन में कुल 133 लोगों की मौत हुई है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका को चेतावनी दी थी. WHO ने कहा था कि कोरोना का अगला केंद्र अमेरिका हो सकता है. WHO की प्रवक्ता माग्र्रेट हैरिस ने तो यहां तक बोल दिया था कि अमेरिका दूसरा इटली बन सकता है. इधर, व्हाइट हाउस ने खबर दी है कि अमेरिका में कोरोना वायरस फैलने के बाद से अब तक कुल मिलाकर 4.32 लाख कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की जांच की गई है. सारे जांच निजी लैब और सरकारी अस्पतालों में चल रही है.
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नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीस के निदेशक डॉक्टर एंथोनी फॉसी ने कहा है कि अमेरिका को अभी कोरोना वायरस के हमले का एक दौर और देखना पड़ेगा. क्योंकि अमेरिकी निचले इलाकों में सर्दियों में यह फिर तेजी से पनपेगा. चीन और इटली के बाद सबसे अधिक संक्रमण के मामलों में अमेरिका तीसरे नंबर पर है. राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने के साथ ही राष्ट्रपति ने न्यूयॉर्क, कैलिफोर्निया, वाशिंगटन, आयोवा, लुइसियाना, नॉर्थ कैरोलिना, टेक्सास और फ्लोरिडा के लिए प्रमुख आपदा घोषणाओं को मंजूरी दी है.
हाल के इतिहास में संभवत: यह पहली बार है जब छह से अधिक राज्यों में जन स्वास्थ्य पर प्रमुख आपदा घोषणाओं को मंजूरी दी गई है. न्यूयॉर्क शहर में हालात बदतर होते जा रहे हैं. यह शहर देश में कोविड-19 का केंद्र बन चुका है. मंगलवार तक न्यूयॉर्क में संक्रमित लोगों की संख्या 30,000 को पार कर गई और कम से कम 285 लोगों की मौत हो गई थी. इसके अलावा न्यू जर्सी में 4,402 मामले सामने आए और 62 लोगों की मौत हुई. कैलिफोर्निया में करीब 3000 मामले सामने आए और 65 लोगों की मौत हो गई. ये सभी राज्य लॉकडाउन (बंद) हैं.
10 करोड़ से अधिक अमेरिकी बंद जैसे हालात में रह रहे हैं जिसका देश की अर्थव्यवस्था पर विध्वंसकारी असर पड़ रहा है. अमेरिका में सीनेट नेताओं और व्हाइट हाउस के बीच बुधवार को अर्थव्यवस्था को 2,000 अरब डालर का प्रोत्साहन पैकेज दिये जाने के प्रावधान वाले विधेयक पर सहमति बन गई. इस पैकेज के जरिए अमेरिकियों के हाथ में सीधे नकदी पहुंचाई जायेगी, छोटे कारोबारियों को अनुदान मिलेगा और बड़ी कंपनियों को अरबों डॉलर का कर्ज उपलब्ध कराया जायेगा. इसके साथ ही बेरोजगार लाभों का भी विस्तार किया जायेगा.