अमेरिकी सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि रूस के 60 राजनयिकों के निष्कासन का मकसद भारत जैसे देश को कोई संदेश देना नहीं है जिसका मॉस्को और वाशिंगटन के साथ समान रिश्ता है. ब्रिटेन में एक पूर्व रूसी जासूस को जहर देने के मामले पर अमेरिका ने‘‘ खुफिया अधिकारी’’ बताते हुए रूस के60 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और सीएटल में देश के वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया है .
‘हमारा इरादा भारत जैसे देश को कोई विशेष संदेश देने का नहीं है’
ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘‘ हमारा इरादा भारत जैसे देश को कोई विशेष संदेश देने का नहीं है. भारत के साथ हमारी करीबी और असरदार भागीदारी है. मॉस्को की ओर से उठाए गए विभिन्न कदमों को लेकर यह है और हमारा संदेश रूसी संघ के नेताओं के लिए है.’’ अमेरिका और रूस दोनों के साथ मजबूत संबंधों वाले भारत जैसे देशों पर ट्रंप प्रशासन के हालिया फैसले के असर संबंधी एक सवाल का वह जवाब दे रहे थे .
अमेरिका ने रूस के 60 राजनयिकों को निष्कासित किया
बता दें अमेरिका ने सोमवार को रूस के 60 राजनयिकों को खुफिया अधिकारी बताते हुए निष्कासित कर दिया. इसके साथ ही अमेरिका ने सिएटल स्थित रूस के वाणिज्य दूतावास को बंद करने का भी आदेश दिया है. यह कार्रवाई ब्रिटेन में रूस के पूर्व जासूस पर कथित तौर पर मास्को द्वारा किए गए नर्व एजेंट के हमले को लेकर उसकी प्रतिक्रिया है. अमेरिका के इस फैसले ने शीत युद्ध की यादें ताजा कर दी हैं. निष्कासित राजनयिकों में से लगभग12 संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थायी मिशन में पदस्थ हैं.
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