दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध (ट्रेड वॉर) छिड़ा हुआ है और फिलहाल इसके थमने के भी कोई आसार नहीं दिख रहे। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनके प्रशासन ने चीन के अनुचित व्यापार प्रथाओं को खत्म करने के लिए सबसे कठिन कार्रवाई की है। इस साल जून से लगातार ट्रंप अमेरिका में चीन के प्रोडेक्ट्स पर टैरिफ बढ़ा रहे हैं। ये बीजिंग (चीन) से अरबों डॉलर के व्यापार घाटे को कम करने के इरादे से किया जा रहा है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि उन्होंने चीन के कथित अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ कठिन फैसले लिए हैं। अमेरिका में प्रति वर्ष चीन के साथ लगभग 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर के व्यापार का घाटा हो रहा है, जिस पर ट्रंप का कहना है कि यह अमेरिका के लिए असुरक्षित है। ट्रंप ने शुक्रवार को ओहायो में एक चुनावी रैली में इसका जिक्र करते हुए कहा कि हमने चीन के अनुचित व्यापार कार्यों और व्यापार दुर्व्यवहारों को खत्म करने के लिए सबसे कठिन कार्रवाई की है।
चीन के खिलाफ अमेरिका द्वारा उठाए गए कदमों में 250 अरब अमेरिकी डॉलर के चीनी उत्पादों के आयात पर अतिरिक्त 25 फीसद टैरिफ लगाने, चीन के साथ परमाणु प्रौद्योगिकी व्यापार के नए प्रतिबंधों की घोषणा करने और चीन से बौद्धिक संपदा चोरी करने से चीन को रोकने का फैसला शामिल है। अपनी चीनी नीतियों के संबंध में ट्रंप ने खुद अपनी पीठ थपथपाते हुए अपने प्रशासन की उपलब्धियां गिनाईं और कहा कि हमने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और नई नौकरियां उत्पन्न हो, इस दिशा में कार्य किया है।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति ट्रंप इस साल जून से चीन से होने वाले आयात पर शुल्क बढ़ाने में लगे हैं। अमेरिका लगातार चीन से यह मांग करता रहा है कि वह (चीन) उसके 375 अरब डॉलर के व्यापार घाटे में कमी लाए। अमेरिका ने सितंबर में व्यापार मोर्चे पर जारी तनाव को बढ़ाते हुए चीन से आयात की जाने वाली 200 अरब डॉलर की वस्तुओं पर 10 फीसद शुल्क लगाया था। साथ ही ट्रंप ने चीन से आयातित 267 अरब डॉलर की अन्य वस्तुओं पर भी शुल्क लगाने की चेतावनी दी है।