बाहुबली मुख्तार अंसारी को लेकर लंबे समय से पंजाब व उत्तर प्रदेश की सरकारों के बीच चल रही खींचतान व सियासत ने पंजाब की कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में दोनों सरकारें अपनी-अपनी दलीलों के जरिए मुख्तार को लेकर उलझी हुई हैं। अकाली नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया सहित समूचे विपक्ष ने पंजाब सरकार को इस मामले में संकट में डाल दिया है। पंजाब में चल रहे विधानसभा के सत्र में मामला उठने के बाद अचानक से अपराधी से बाहुबली नेता बने मुख्तार अंसारी में हर आम व खास की दिलचस्पी लगातार बढ़ती जा रही है कि इस मामले में आखिरकार जीत पंजाब की कांग्रेस सरकार की होती है या फिर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की।

अपराधी से बाहुबली नेता बने मुख्तार अंसारी की सुपुर्दगी के मामले में सियासत का खेल
मुख्तार यूपी के मऊ से पांच बार विधायक रहे। वर्तमान में वह पंजाब की रोपड़ जेल में बंद हैं। उन्हे उत्तर प्रदेश भेजने की यूपी सरकार की अर्जी पर भले ही सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया हो, लेकिन ये मामला इन दिनों दो सरकारों के बीच बड़ी रार बनकर सामने आय़ा है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी की भाजपा सरकार सरकार मुख्तार को यूपी भेजने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण में है।
इसलिए कैप्टन दे रहे हैं साथः दादा रह चुके हैं कांग्रेस अध्यक्ष, नाना सेना में थे बिग्रेडियर
दूसरी तरफ, पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उसे यूपी न भेजने का हवाला दे रही है। दोनों ही सरकारों के बीच मुख्तार को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर बीते कुछ दिनों से लगातार जारी है। मुख्तार 2019 से पंजाब की रोपड़ जेल में मोहाली के बिजनेसमैन को धमकी देने के मामले में बंद हैं। उन्हें पंजाब पुलिस यूपी के बांदा जेल से 2 साल पहले इसी मामले की जांच के लिए पंजाब लेकर आई थी।
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