उत्तर प्रदेश शिक्षा चयन आयोग का मुख्यालय प्रयागराज में ही होगा। मंगलवार सुबह लखनऊ में हुई बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुहर लगा दी है।
मुख्यालय लखनऊ बनाने के प्रस्ताव पर डिप्टी सीएम व मंत्री सिद्धार्थनार्थ ने विरोध जताया
उत्तर प्रदेश शिक्षा चयन आयोग का मुख्यालय लखनऊ में बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसका प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने विरोध करते हुए प्रयागराज में हेडक्वार्टर बनाने की मांग उठाई। इसके पीछे तर्क दिया कि सभी आयोगों के कार्यालय प्रयागराज में ही हैैं, इसलिए उप्र शिक्षा चयन आयोग का मुख्यालय प्रयागराज में ही होना चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मान गए। फिर कैबिनेट ने प्रयागराज में ही आयोग के मुख्यालय खोले जाने की मंजूरी दे दी।
यह प्रस्ताव हाउस में भी रखा जाएगा : सिद्धार्थनाथ सिंह
सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि मंगलवार दोपहर को ही यह प्रस्ताव हाउस में भी रखा जाएगा। मालूम हो कि सभी शिक्षा चयन आयोगों को मिलाकर अब उप्र शिक्षा चयन आयोग बनाया जा रहा है। प्रयागराज के प्रतियोगी छात्रों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसे जिले के लिए बड़ी उपलब्धि बताया। बेसिक से उच्च शिक्षा तक शिक्षकों की भर्ती के लिए नए आयोग के गठन के बाद प्रयागराज में स्थित तीन महत्वपूर्ण कार्यालयों उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को इसमें समाहित कर दिया जाएगा।
शिक्षा अधिकरण की बेंच प्रयागराज में खोलने की मंजूरी मिल गई
पुलिस मुख्यालय को लखनऊ शिफ्ट किए जाने तथा शिक्षा अधिकरण की प्रधान पीठ भी राजधानी में स्थापित किए जाने से प्रयागराज के नेता इस आयोग को लेकर गंभीर हो गए थे। इसीलिए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने इस आयोग को प्रयागराज में खोले जाने की सिफारिश की। हालांकि शिक्षा अधिकरण की बेंच प्रयागराज में खोलने की मंजूरी मिल गई है। बेसिक से उच्च शिक्षा तक शिक्षकों की भर्ती के लिए नए आयोग के गठन का ड्राफ्ट पहले ही तैयार किया जा चुका है। अब इसके गठन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके तहत उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और बेसिक शिक्षा परिषद के स्तर से होने वाली शिक्षक भर्ती अब यही आयोग ही करेगा। आयोग का गठन होने के बाद अब प्रदेश के आशासकीय कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के तकरीबन एक हजार पदों पर फंसी भर्तियों का रास्ता शीघ्र खुल जाएगा।