यूपी में फ्रंटलाइन कर्मियों का टीकाकरण आज से शुरू हो गया है। पहले दिन लगभग 2000 सत्रों में दो लाख स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जाएगा। इसी कड़ी में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कोरोना वैक्सीन लगवाई और फ्रंटलाइन कर्मियों से टीकाकरण में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है जिन्होंने इतने कम समय में इतनी कारगर वैक्सीन बनाई।
बता दें कि बुधवार देर शाम तक लगभग 1800 बूथ पर टीका लगाने की तैयारी हो चुकी थी। इसके बाद 12 और 18 फरवरी को भी फ्रंटलाइन कर्मियों का टीका लगाया जाएगा। वहीं, गुरुवार को अमेठी जिले के त्रिसुंडी स्थित सीआरपीएफ ग्रुप के जवानों और अफसरों ने कोरोना वैक्सीन लगवाने से इंकार कर दिया। टीकाकरण के लिए गई स्वास्थ्य विभाग की टीम को परिसर के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई जिससे पूरी टीम करीब दो घंटे तक बाहर ही खड़ी रही। हालांकि, कुछ देर बाद वो टीकाकरण के लिए तैयार हो गए।
बताया जा रहा है कि सीआरपीएफ के डीआईजी कोवैक्सीन की जगह कोविशील्ड वैक्सीन लगाने की मांग कर रहे थे। स्वास्थ्य विभाग की टीम को काफी मशक्कत के बाद 11:15 बजे परिसर में प्रवेश की अनुमति मिली जिसके बाद जवानों व अफसरों का टीकाकरण शुरू हुआ। जिले में पुलिस अधीक्षक दिनेश सिंह, एएसपी, सीओ, इंस्पेक्टर और सिपाहियों ने कोरोना टीकाकरण करवाया। अब टीकाकरण सुचारु रूप से जारी है।
प्रदेश के 38 जिलों में जेई टीकाकरण अभियान चलेगा। इस अभियान में 9 माह से 15 वर्ष तक के जेई टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों को टीका लगाया जाएगा। इस दौरान करीब 11.26 लाख बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य है।
बैठक में बताया गया कि बीते दिनों चले पोलियो अभियान में 3.24 करोड़ बच्चों को पोलियो की खुराक दी गई। इसके अलावा भारत सरकार के दिशा-निर्देशानुसार सघन मिशन इंद्रधनुष 3.0 प्रदेश के 37 जिलों में दो चरणों में चलाया जाना प्रस्तावित है। प्रथम चरण 23 फरवरी, 1 मार्च और 2 मार्च को चलाया जाना है। दूसरा चरण 23 मार्च, 5 अप्रैल और 6 अप्रैल को प्रस्तावित है।