उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के एक प्राइवेट अस्पताल में एक गर्भवती महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया है. उत्तर प्रदेश में नई जनसंख्या नीति जारी होने के एक दिन बाद ही महिला ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया है. डॉक्टरों ने बताया कि मां और चारों बच्चे पूर्णतः स्वस्थ हैं. इन बच्चों का जन्म IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) तकनीक से हुआ है.
बता दें कि, इस प्रक्रिया का इस्तेमाल पहली दफा 1978 में इंग्लैंड में हुआ था. डॉक्टर शशि अरोड़ा और डॉक्टर सचिन दुबे की निगरानी में महिला का सफल ऑपरेशन हुआ. चार बच्चों में एक लड़की और तीन लड़के हैं. बीते कुछ वर्षों में देश में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) तकनीक का ट्रेंड बढ़ा है. जो लोग प्राकृतिक तरीके बच्चा पैदा नहीं कर पाते. ऐसे लोग विट्रो फर्टिलाइजेशन नाम की तकनीक से माता-पिता बनने का सुख प्राप्त करते हैं. बता दें कि विश्व में पहला टेस्ट ट्यूब बेबी 1978 में ब्रिटेन में पैदा हुआ था. IVF ट्रीटमेंट में प्रयोगशाला में कुछ नियंत्रित परिस्थितियों में महिला के एग्स और पुरुष के स्पर्म को मिलाया जाता है. जब संयोजन से भ्रूण बन जाता है, तब उसे वापस महिला के गर्भाशय में रख दिया जाता है. जिसके बाद महिला प्रेगनेंट होकर बच्चे को जन्म देती है.
डॉक्टर शशि अरोड़ा का कहना है कि यह दंपति बीते काफी वर्षों से संतान के लिए परेशान था. महिला के बच्चे नहीं हो रहे थे और उसका उपचार किया जा रहा था. उपचार के दो वर्ष बाद महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया. महिला और उसका परिवार एक साथ चार बच्चों के जन्म से काफी खुश हैं. बता दें कि यूपी की योगी सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का मसौदा तैयार किया है. इस ड्राफ्ट के अनुसार, 2 से ज्यादा बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में अर्जी देने से लेकर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने तक पर रोक लगाने का प्रस्ताव है. ऐसे में जिनके दो से अधिक बच्चे हैं, उन्हें कई सरकारी योजनाओं का फायदा नहीं मिल सकेगा. हालांकि, ये प्रस्ताव अभी कानून के रूप में लागू नहीं हुआ है.