श्री काशी विश्वनाथ धाम को डिजिटल करने की कवायद तेजी से हो रही है। अब मां वैष्णो देवी की तरह विश्वनाथ मंदिर में भी क्यूआर कोड से प्रवेश मिलेगा। इसके लिए मंदिर में आरएफआईडी मशीन लगाई जा चुकी है।
माता वैष्णो देवी के बाद अब श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं को क्यूआर कोड आधारित कार्ड से प्रवेश मिलेगा। मार्च के अंत तक ये व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। पहले चरण में अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए यह व्यवस्था लागू होगी और दूसरे चरण में सुगम दर्शन, वीआईपी दर्शन और प्रोटोकॉल दर्शन वाले श्रद्धालुओं के लिए इसे शुरू किया जाएगा।
क्यूआर कोड आधारित आरएफआईडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) कार्ड से प्रवेश की इस व्यवस्था से भीड़ प्रबंधन के साथ ही सुगम दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को भी काफी सहूलियत मिलेगी। श्री काशी विश्वनाथ धाम को डिजिटल करने की कवायद तेजी से हो रही है। इस दिशा में धाम में प्रवेश के लिए आरएफआईडी कार्ड की व्यवस्था लागू करने की तैयारी है।
मंदिर में आरएफआईडी मशीन लगाई जा चुकी है। इसके तहत श्री काशी विश्वनाथ के लोगो वाला परिचय पत्र मंदिर प्रशासन की ओर से जारी किया जाएगा। परिचय पत्र पर अंकित क्यूआर कोड को स्कैन करते ही प्रवेश द्वार के दरवाजे खुद ब खुद खुल जाएंगे। मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि आरएफआईडी मशीन मंदिर में लग गई है। कार्ड जैसे ही आएगा, इसकी शुरुआत हो जाएगी।
डिजिटल रिकॉर्ड होगा सुरक्षित, मिलेगी पूरी जानकारी
आरएफआईडी आधारित पंजीकरण से मंदिर परिसर में आने वाले सभी लोगों का डिजिटल रूप से रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जा सकेगा। इसके साथ ही भीड़ प्रबंधन, टिकट की पहचान और भक्तों पर नजर रखने में मदद मिलेगी। आरएफआईडी कार्ड को 15 मीटर की दूरी से पढ़ा जा सकता है और इन कार्डों की कीमत केवल तीन रुपये है। आरएफआईडी आधारित कार्ड में कर्मचारियों व श्रद्धालुओं की व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, पता, संपर्क नंबर दर्ज होगा और उन्हें मंदिर परिसर में प्रवेश करने की अनुमति मिल जाएगी। प्रवेश और निकास बिंदुओं पर रखी गई आरएफआईडी मशीन क्यूआर कोड को स्कैन करेगी।