छीतूपुर वेटलैंड शहर से लगभग 20 किमी दूर विकास खंड हसायन में 20 हेक्टेयर का एक विशाल जलमग्न क्षेत्र है। इसमें प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में न सिर्फ देशी बल्कि विदेशी पक्षी भी यहां आते हैं। यहां ओपनविल्ड स्टार्क, व्हाइट आइविस, डार्टर, कार्मोनेन्ट, सारस क्रेन, पेंटिड स्टार्क, व्हाइट ब्रस्टेड किंगफिशर, पाइक किंगफिशर आदि पक्षी मिलते है।
हाथरस में विकास खंड हसायन क्षेत्र के छीतूपुर में वेटलैंड (झील की भूमि) को पर्यटन के रूप में विकसित किया जाएगा। पर्यटन निदेशालय से इसकी कार्य योजना पर अंतिम मुहर लग गई है। निदेशालय ने इसके लिए चार करोड़ की धनराशि मंजूर की है। इस भूमि पर हर मौसम में हजारों देसी और विदेशी पक्षियों का कलरव गूंजता है।
छीतूपुर वेटलैंड शहर से लगभग 20 किमी दूर विकास खंड हसायन में 20 हेक्टेयर का एक विशाल जलमग्न क्षेत्र है। इसमें प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में न सिर्फ देशी बल्कि विदेशी पक्षी भी यहां आते हैं। पर्यटन स्थल छीतूपुर वेटलैंड को विकसित करने से यहां पारिस्थितिकीय विकास एवं संतुलन, जैवविविधता संरक्षण, स्थानीय एवं प्रवासी पक्षियों के प्राकृतिक वास का विकास, राज्य पक्षी सारस का संरक्षण, वन्य जीवों की सुरक्षा संवर्धन, भूगर्भ जल का संरक्षण एवं वृद्धि, कृषि एवं उद्यान का विकास हो सकेगा। इस वेटलैंड पर पर्यटकों के लिए हर सुविधा का ध्यान रखते हुए कार्ययोजना का खाका खींचा गया है।
पर्यटन स्थल पर प्रस्तावित कार्य
- बच्चों के लिए खेल मैदान ।
- पार्किंग एरिया।
- शौचालय।
- फ्लोटिंग वाटर पार्क।
- पैडल से चलने वाली नाव।
- कैंटीन।
- छोटे कार्यक्रमों के लिए जैसे जन्मदिन पार्टी आदि के लिए स्थल।
देसी व विदेशी प्रजाति के मिलते हैं पक्षी
वेटलैंड में देशी प्रजाति के ओपनविल्ड स्टार्क, व्हाइट आइविस, डार्टर, कार्मोनेन्ट, सारस क्रेन, पेंटिड स्टार्क, व्हाइट ब्रस्टेड किंगफिशर, पाइक किंगफिशर, बी-ईटर, ड्रोंगो, पनडुब्बी, पनकौवा, जलकोवा, कठफोड़वा, मोर, पैराकीट्स, जंगल फाउल, पारटीजस, तीतर, कौआ, कोयल, मैना, वैया, कबूतर, गौरैया, बतख, बाज, उल्लू, नीलकंठ आदि पक्षी मिलते है। प्रवासी प्रजाति के गीज, टील, कृट, पिंटेल, रेडक्रेस्टेड पोचार्ड, शॉवलर, विजन, ब्राह्मणी डक, कॉमन टील्स, राजहंस, फोनिकोप्टेरस माइनर, र्स्टोक्स आदि मिलते हैं। छीतूपुर वेटलैंड पर बड़ी संख्या में राज्य पक्षी सारस भी देखे जाते हैं।
छीतूपुर वेटलैंड को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने के लिए चार करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत कर दी गई है। अब जल्द ही कार्ययोजना के अनुरूप कार्य शुरू होगा। -विशाल श्रीवास्तव, जिला पर्यटन सूचना अधिकारी।