समाजवादी पार्टी सरकार में खनन मंत्री रहने के दौरान गायत्री प्रजापति ने पार्टी के एक बड़े नेता के इशारे पर बेशकीमती भूमि को हथियाने के लिए भूमि स्वामी धनप्रकाश बुद्धराजा को बंधक बनाकर पीटा था। बाद में उन्हें फॉच्यूनर गाड़ी में बैठाकर सपा नेता के आवास पर पेश किया गया। इस दौरान एमआई बिल्डर्स का मालिक मोहम्मद कादिर अली भी मौजूद था। गायत्री और सपा नेता के बीच कुछ कानाफूसी हुई। इसके बाद धनप्रकाश को चुपचाप जमीन देने की धमकी देकर जाने दिया गया। यह सनसनीखेज खुलासा एमआई बिल्डर्स के खिलाफ धनप्रकाश की शिकायत पर शुरू हुई ईडी की जांच में हुआ है।
धनप्रकाश ने ईडी के समक्ष दर्ज कराए बयान में घटनाक्रम बताया है। उन्होंने इस संबंध में अदालत में याचिका भी दायर की है, जिसमें गायत्री प्रजापति द्वारा उसे तीन बार बंधक बनाकर मंत्री आवास पर बुलाने का भी जिक्र है। मंत्री आवास आने पर उससे कहा गया कि तुम्हारी जमीन बड़े नेता को पसंद आ गई है। इसका सौदा एमआई बिल्डर्स के कादिर अली और लवी अग्रवाल उर्फ लवी कबीर के नाम पर कर देना। दो बार धनप्रकाश के टालने पर तीसरी बार उसे बंधक बनाकर पीटा गया और सपा नेता के सामने पेश किया गया। अब ईडी के अधिकारी बुद्धराजा के दावों की सत्यता का पता लगा रहे हैं।
मुकदमे में गायत्री प्रजापति का नाम नहीं
जब धनप्रकाश से एफआईआर के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि उस वक्त सपा की सरकार थी। शिकायत करने पर जान से हाथ धोना पड़ सकता था। इसकी वजह से एफआईआर नहीं करा सका। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद जब उन्होंने एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की तो जिस भी पुलिस अधिकारी से मिले, उसने राजनेताओं का नाम हटाने को कहा। मजबूरी में उन्हें नाम हटाना पड़ा, जिसके बाद मुकदमा दर्ज हो सका। हालांकि अदालत में दायर याचिका में उन्होंने गायत्री और सपा के एक बड़े नेता का भी नाम दिया है।
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