महाकुंभ में श्रद्धालु नागा-अघोरी की जीवन शैली को समझ सकेंगे। पर्यटन विभाग श्रद्धालुओं के लिए विशेष पैकेज तैयार कर रहा है। पहले श्रद्धालु नागाओं को सिर्फ देख पाते थे। अब श्रद्धालुओं को अखाड़े तक ले जाया जाएगा।
अर्धकुंभ और महाकुंभ का सर्वाधिक आकर्षण नागा संन्यासी होते हैं। प्रयागराज महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं को न सिर्फ नागाओं और अघोरियों को पास से देखने बल्कि उनकी जीवन शैली भी जानने का अवसर मिलेगा।
इसके लिए पर्यटन विभाग उनकी जीवन शैली को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए विशेष पैकेज बना रहा है। अर्धकुंभ व महाकुंभ में जब शाही स्नान के लिए नागा संन्यासी व अघोरी निकलते हैं, तभी आम श्रद्धालु उनके दर्शन कर पाते हैं।
आम लोग उनके शिविर में नहीं जाते हैं। क्योंकि इससे आम लोग के साथ ही नागा संन्यासी व अघोरी भी परहेज करते हैं। पर, इस बार उप्र राज्य पर्यटन विकास निगम (यूपीएसटीडीसी) आम लोगों को इनके अखाड़ों के शिविर तक पहुंचाएगा।
प्रशिक्षित गाइड के माध्यम से लोगों को वहां ले जाएगा। वे नागाओं-अघोरियों के रोचक, रोमांचक, इतिहास व उनके तप से जुड़ी जानकारी भी देंगे। इसके लिए एक शुल्क निर्धारित कर पांच-छह लोगों का ग्रुप बनाया जाएगा।
बता दें कि ठिठुराने वाली ठंड में भी नागा संन्यासी बिना कपड़ों के रहते हैं। अर्धकुंभ और महाकुंभ के दाैरान ही नए नागाओं को कठिन पूजा के बाद अखाड़ों में शामिल किया जाता है। उनकी जीवन शैली भी बहुत कठिन होती है।
अध्यात्म के साथ रोमांच का आनंद भी
पर्यटन विभाग महाकुंभ-2025 को आकर्षक के साथ रोमांचक भी बनाने के प्रयास में लगा है। वह पर्यटकों को अध्यात्म के साथ वाटर स्पोर्ट्स व पैरासेलिंग की भी सुविधा देगा। अरैल घाट पर वाटर स्पोर्ट्स का आयोजन किया जाएगा। वहीं, क्रूज व विशेष बोट का संचालन भी किया जाएगा। इससे पर्यटक शाम के बाद का विशेष नजारा देख सकेंगे।
गंगा-यमुना किनारे कराएंगे विशेष मेडिटेशन
श्रद्धालु और पर्यटक यहां रेत पर बसे शहर में कल्पवास के साथ-साथ स्नान, योग, प्राणायाम और ध्यान का भी आनंद ले सकेंगे। पर्यटन विभाग विशेष रूप से प्रशिक्षित योग प्रशिक्षकों के द्वारा अरैल घाट पर लोगों को ध्यान कराएगा।
महाकुंभ दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक-आध्यात्मिक आयोजनों में से एक है। इस बार यह पहले से अधिक दिव्य और भव्य होगा। देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं के स्नान-ध्यान के साथ ठहरने व भ्रमण के लिए बेहतरीन व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए कई पैकेज तैयार किए जा रहे हैं। -जयवीर सिंह, पर्यटन व संस्कृति मंत्री